
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालते ही लिए गए फैसलों के बाद देश में उथल-पुथल का माहौल है। ट्रंप के नागरिकता कानून के फैसले के बाद अमेरिका में रहने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए मुसीबत बढ़ा दी है। एक्जीक्यूटिव ऑर्डर के तहत 150 साल पुराने नागरिकता कानून में बदलाव किया है।
ट्रंप ने एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी कर जन्मजात नागरिकता के अधिकार को समाप्त करने का निर्णय किया है। इस फैसले से कई प्रवासियों में बच्चों को 20 फरवरी से पहले जन्म देने को लेकर होड़ मच गई है। अमेरिका में रहने वाले दुनियाभर के कई प्रवासी जिनमें भारतीय भी शामिल हैं, वे चाहते हैं कि 20 फरवरी से पहले ही बच्चों को जन्म दे दिया जाए।
इसके लिए वे सी सेक्शन यानी सर्जरी का रास्ता अपना रहे हैं। यह विकल्प चुनने वाली महिलाएं मुख्य रूप से प्रेग्नेंसी के 8वें या 9वें महीने में होती हैं। इस संबंध में न्यूजर्सी के एक चिकित्सक ने बताया कि जिन महिलाओं की डिलिवरी मार्च में होना है, उनके फोन आ रहे हैं कि वे समय से पहले डिलिवरी कराना चाहती हैं।भारतीय-अमेरिकी सांसद ट्रंप के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
नागरिकता नियम में यह परिवर्तन ये सांसद असंवैधानिक बता रहे हैं। अमेरिकी सांसद प्रमिला जायसवाल ने इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि इसे लागू करना कानून और संविधान में स्थापित मिसालों के साथ मजाक होगा। दरअसल, राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने जन्मजात नागरिकता का अधिकार खत्म करने का आदेश दिया था।
इसे लागू करने के लिए 30 दिन (19 फरवरी तक) का समय दिया है। वहीं गुरुवार देर रात एक फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने ट्रंप के आदेश को असंवैधानिक बताया और इस पर 14 दिनों के लिए रोक लगा दी। सिएटल कोर्ट ने 4 राज्यों (वॉशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन) की अपील पर ये फैसला सुनाया। मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी को होगी। 22 राज्यों ने ट्रंप के आदेश के खिलाफ 2 फेडरल कोर्ट में मुकदमे दायर किए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाली महिलाओं ने 2022 में 2.55 लाख बच्चों का जन्म दिया था। ट्रंप के फैसले से हर साल 1.5 लाख नवजातों को नागरिकता पर संकट आ गया है। अमेरिकी संविधान का 14वां संशोधन बच्चों को जन्मजात नागरिकता की गारंटी देता है। वहीं दूसरी ओर अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 18 हजार भारतीयों की देश वापसी होने वाली है।
अमेरिका दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘हम अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वापसी के लिए तैयार है।’ जयशंकर ने इसे लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की। भारत नहीं चाहता कि अवैध नागरिकों के मुद्दे का एच1बी और स्टूडेंट वीजा पर असर पड़े। डोनाल्ड ने कहा, एच1बी वीजा बंद नहीं होगा।
अमेरिका को टैलेंट की जरूरत है। अमेरिका एच1बी वीजा किसी खास पेशे (आईटी, हेल्थ, आर्किट्रेक्टचर) से जुड़े लोगों के लिए जारी करता है। ये वीजा पाने वालों में भारतीय पहले नंबर पर हैं। 2024 में जारी कुल 2.80 लाख एच1बी में से भारतीयों को करीब 2 लाख वीजा मिले थे।
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Author: AK
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