
राजधानी दिल्ली कई दिनों से खराब हवा की वजह से कराह उठी है। हवा में जहर घुला हुआ है। लगातार आठवें दिन भी राजधानी की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई। आनंद विहार का एक्यूआई 762 दर्ज किया गया जो खतरनाक स्तर का है। दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों का दम घुटा जा रहा है। यह मौसम मरीजों के लिए और भी खतरनाक साबित होता है। वाहनों से होने वाले प्रदूषण और पराली जलाने से दिल्ली की हवा जहरीली हो रही है। बुधवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता देश में तीसरी सबसे खराब स्थिति में रही। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, पूरे भारत में, राजस्थान के हनुमानगढ़ में सबसे खराब वायु गुणवत्ता 396 दर्ज की गई। इसके बाद राजस्थान में ही श्री गंगानगर में 369 दर्ज की गई। बुधवार को दिल्ली के पांच निगरानी केंद्रों में एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। बवाना में 403, जहांगीरपुरी में 419, मुंडका में 417, एनएसआईटी द्वारका में 440 और वजीरपुर में 420। इससे पहले दिल्ली में मंगलवार को 13 निगरानी केंद्रों ने 400 से अधिक एक्यूआई दर्ज किया था। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार दिन के समय शहर में स्मॉग की मोटी परत छाई रही जबकि रात के समय शहर में धुंध छाने की संभावना है। प्रदूषण सीजन में अभी भी पराली और पटाखों पर पूरा दोष मढ़ दिया जाता है। जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। गर्मियों और सर्दियों में प्रदूषण की एक ही वजह हैं। अंतर सिर्फ मौसम का पड़ता है। सर्दियों में ठंडी नमी भरी हवाएं नीचे बहती हैं और यह प्रदूषण को फैलने नहीं देती। इसलिए प्रदूषण जमीनी सतह के पास बना रहता है। पटाखे और पराली प्रदूषण का सिर्फ एड ऑन है। वहीं ईपीसीए की पूर्व सदस्य व सीएसई की डीजी सुनीता नारायण ने कहा कि कृत्रिम बारिश प्रदूषण का समाधान नहीं है। पूरी दिल्ली में कृत्रिम बारिश नहीं करवाई जा सकती। वहीं कृत्रिम बारिश के लिए प्रकृतिक बादलों का होना भी जरूरी है। सर्दियों में बादलों की कमी रहती है। दूसरा थोड़ी बहुत बारिश से प्रदूषण बढ़ जाएगा। कृत्रिम बारिश अधिक करवाने पर भी प्रदूषण एक हफ्ते बाद वापस आएगा। ऐसे में इतना खर्च कर आंशिक राहत समाधान नहीं हो सकता। हरियाणा और पंजाब में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। बुधवार को हरियाणा के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से ऊपर और छह में 100 से 200 के बीच रहा। वहीं पंजाब में आठ जिले प्रदूषण के हॉटस्पॉट बन गए हैं। पाकिस्तान के लाहौर में भी प्रदूषण रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगा रहे हैं।मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, अगले चार से पांच दिन प्रदूषण से राहत मिलने के आसार नहीं है। हालांकि, 11 नवंबर के बाद मौसम में बदलाव होने से प्रदूषण का स्तर घट सकता हे। हरियाणा के साथ-साथ दिल्ली, राजस्थान और पंजाब में भी प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो पा रहा है और एक्यूआइ ज्यादा खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। वहीं दिवाली के बाद से उत्तर भारत में तापमान में गिरावट आई है। दिल्ली, यूपी समेत कई राज्यों में सुबह और रात में हल्की ठंड का एहसास होने लगा है। इस बार उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना भी जताई गई है। इस बीच एक बार फिर चक्रवाती तूफान का प्रभाव कई राज्यों पर देखने को मिलने वाला है। दरअसल दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग पर साइक्लोन सर्कुलेशन की स्थिति बन रही है। जिसकी वजह से कई राज्यों में बारिश और ओले गिरने की संभावना है। इस साइक्लोन के असर से 7 से 12 नवंबर तक केरल, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा में गरज के साथ बारिश होने के आसार हैं। दिल्ली में सुबह और रात के समय हल्की ठंड का एहसास बरकरार है। मौसम विभाग के अनुसार आज राजधानी में सुबह और रात में धुंध छाने की संभावना है। इस दौरान अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस तक रहने के आसार हैं। बुधवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री अधिक 32.3 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 2 डिग्री अधिक 17.1 डिग्री रिकॉर्ड हुई।
Author: AK
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