बिहार के मोकामा में तिरूपति बालाजी की तर्ज पर भव्य मंदिर निर्माण की तैयारी, 10.11 एकड़ जमीन TTD को हस्तांतरित। धार्मिक पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
Mokama Tirupati Balaji Temple: A New Tourism Landmark

परिचय: बिहार में धार्मिक पर्यटन को नई दिशा
बिहार का मोकामा क्षेत्र जल्द ही देश के धार्मिक पर्यटन का एक नया केंद्र बन सकता है, क्योंकि यहां तिरूपति बालाजी की तर्ज पर एक विशाल और भव्य मंदिर निर्माण की तैयारी तेज़ हो गई है। बिहार सरकार द्वारा 10.11 एकड़ भूमि तिरूमला तिरुपति देवस्थानम् (TTD) को लगभग मुफ़्त में ट्रांसफर किए जाने के बाद इस परियोजना का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। यह सिर्फ एक मंदिर निर्माण नहीं, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास को नई गति देने वाला बड़ा कदम माना जा रहा है। सरकार का अनुमान है कि यह परियोजना पूरे क्षेत्र में रोजगार, व्यापार, होटल उद्योग और पर्यटन के लिए नए अवसर तैयार करेगी।
यह पहल बिहार को राष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर एक मजबूत पहचान दिलाने की क्षमता रखती है।
मोकामा में तिरूपति बालाजी मंदिर: परियोजना की पृष्ठभूमि
भूमि हस्तांतरण से MoU की दिशा में कदम
बिहार सरकार ने मोकामा खास स्थित 10.11 एकड़ जमीन पर्यटन विभाग के नाम करते हुए TTD के साथ प्रस्तावित समझौता ज्ञापन (MoU) पर औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि TTD दक्षिण भारत के सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक संस्थानों में से एक है, जो तिरूमला स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर का संचालन करता है।
सरकार का मानना है कि TTD के अनुभव और प्रशासनिक क्षमता से बिहार में एक विश्वस्तरीय मंदिर का निर्माण संभव होगा।
TTD की प्रतिक्रिया और राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन
1 रुपये में 99 साल की लीज
TTD के अध्यक्ष बी.आर. नायडू ने बिहार सरकार द्वारा जमीन प्रदान किए जाने पर आभार व्यक्त करते हुए इसे ऐतिहासिक निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि पटना के पास TTD मंदिर की अनुमति मिलना धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक बड़ा कदम है।
उन्होंने यह भी बताया कि बिहार सरकार ने 99 वर्षों के लिए 1 रुपये के टोकन लीज रेंट पर भूमि देने की सहमति दी है, जो परियोजना के प्रति सरकार की गंभीरता दर्शाता है।
राष्ट्रीय नेताओं का सहयोग
TTD की ओर से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और मंत्री नारा लोकेश को भी धन्यवाद दिया गया, जिन्होंने इस परियोजना पर संस्थान का उत्साह बढ़ाया।
मंदिर परिसर का प्रस्तावित स्वरूप
दक्षिण भारतीय वास्तुकला की छाप
पर्यटन विभाग के अनुसार, मंदिर परिसर दक्षिण भारतीय शैली पर आधारित होगा। इसमें पारंपरिक स्थापत्य और आधुनिक सुविधाओं का संतुलित संयोजन रहेगा।
प्रस्तावित सुविधाएं
- विशाल गर्भगृह और मंडप
- भक्तों के ठहरने के लिए धर्मशाला
- पार्किंग क्षेत्र
- प्रसादम कॉम्प्लेक्स
- सुरक्षा और सुविधाजनक आवागमन के लिए आधुनिक संरचनाएँ
इन सभी सुविधाओं का उद्देश्य बिहार आने वाले भक्तों को वैसा ही अनुभव देना है जैसा तिरूमला में मिलता है।
आर्थिक और सामाजिक लाभ
स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
मोकामा और आसपास के क्षेत्रों में होटल व्यवसाय, परिवहन सेवाएँ, स्थानीय दुकानें, टूर ऑपरेटर और छोटे कारोबार इस परियोजना से सीधे लाभान्वित होंगे। धार्मिक पर्यटन का सबसे बड़ा प्रभाव स्थानीय रोजगार पर पड़ता है, जिसके कारण युवाओं के लिए भी अवसर बढ़ेंगे।
बिहार की छवि में सुधार
यह परियोजना बिहार को देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों की सूची में ला सकती है। तिरूपति बालाजी जैसा मंदिर हजारों नहीं, बल्कि लाखों भक्तों को बिहार की ओर आकर्षित कर सकता है।
राजनीतिक घोषणा से प्रशासनिक गति तक
शुरुआती घोषणा
मोकामा में तिरूपति बालाजी मंदिर निर्माण की घोषणा पूर्व उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने विधानसभा चुनाव से पहले की थी। उन्होंने कहा था कि यह मंदिर बिहार की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करेगा और प्रदेश में धार्मिक पहचान को नई ऊंचाई देगा।
प्रशासनिक प्रतिबद्धता
भूमि हस्तांतरण और MoU की दिशा में कदम यह दर्शाते हैं कि राज्य सरकार इस परियोजना को लंबी अवधि के विकास के रूप में देख रही है।
स्थानीय लोगों की उम्मीदें और प्रतिक्रियाएँ
मोकामा में बढ़ता उत्साह
घोषणा के बाद से स्थानीय लोगों में उत्साह बढ़ गया है। उनका मानना है कि मंदिर बनने से क्षेत्र के विकास का नया अध्याय शुरू होगा।
व्यापारियों और होटल व्यवसायियों को उम्मीद है कि मंदिर खुलने के बाद हजारों श्रद्धालु आएंगे, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
सांस्कृतिक महत्व
यह मंदिर स्थानीय लोगों के लिए सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं होगा, बल्कि सांस्कृतिक पहचान और गौरव का प्रतीक भी बनेगा।
आगे की प्रक्रिया: क्या-क्या होगा
प्रारंभिक निरीक्षण और योजना
TTD के प्रतिनिधि जल्द ही बिहार आकर स्थल निरीक्षण करेंगे और मंदिर निर्माण से जुड़ी प्रारंभिक प्रक्रियाओं पर चर्चा करेंगे।
मास्टर प्लान और निर्माण
MoU साइन होने के बाद विस्तृत मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा, जिसके बाद डिजाइन और निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। TTD अपने अनुभव के आधार पर मंदिर को विश्वस्तरीय मानकों पर तैयार करने की योजना बनाता है।
निष्कर्ष: बिहार के विकास का नया अध्याय
मोकामा में तिरूपति बालाजी की तर्ज पर बन रहा यह मंदिर बिहार के धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। तिरूमला तिरुपति देवस्थानम् की विशेषज्ञता और बिहार सरकार का समर्थन इस परियोजना को देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल कर सकता है।
यह परियोजना न केवल भक्तों को एक नया धार्मिक केंद्र प्रदान करेगी, बल्कि मोकामा से पटना तक पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी। आने वाले वर्षों में यह मंदिर बिहार की नई पहचान के रूप में उभर सकता है।
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Author: AK
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