जेन-जी हफ्ते में सिर्फ 49 मिनट बाहर बिताते हैं। जानिए क्यों जेन-जी घर पर रहना पसंद करते हैं और उनकी लाइफस्टाइल में क्या बदलाव आए हैं।
Gen Z prefers staying home, spends just 49 minutes outdoors weekly

परिचय
आज की युवा पीढ़ी, जिसे हम जेन-जी (Gen Z) कहते हैं, अक्सर नई जीवनशैली और अनोखे ट्रेंड्स की वजह से चर्चा में रहती है। टेक्नोलॉजी के दौर में पली-बढ़ी यह पीढ़ी अपनी आदतों और पसंद को लेकर पिछली पीढ़ियों से काफी अलग नजर आती है। हाल ही में हुए एक सर्वे ने चौंकाने वाला तथ्य उजागर किया—जेन-जी हफ्ते में औसतन सिर्फ 49 मिनट ही बाहर बिताती है। यह आंकड़ा न सिर्फ उनकी जीवनशैली को दर्शाता है, बल्कि समाज और संस्कृति में आए बदलाव की ओर भी इशारा करता है।
जेन-जी बनाम जेन-एक्स: आउटडोर समय की तुलना
सर्वे के मुताबिक, जेन-जी (1996 से 2010 के बीच जन्मी पीढ़ी) घर के अंदर ज्यादा समय बिताती है। वहीं, जेन-एक्स (1965–1980 में जन्मी पीढ़ी) हर दिन औसतन 65 मिनट बाहर बिताती थी। यानी तुलना की जाए तो जेन-जी लगभग 25% कम समय आउटडोर एक्टिविटीज़ में देती है।
क्यों घट रहा है आउटडोर टाइम?
- 67% जेन-जी का मानना है कि वे बिना बाहर निकले भी कई दिन आराम से बिता सकते हैं।
- 25% खराब मौसम को वजह मानते हैं।
- 16% के पास वक्त की कमी होती है।
- कुछ प्रतिशत जेन-जी अकेले बाहर जाना पसंद नहीं करते और साथी या दोस्तों के बिना बोरियत महसूस करते हैं।
डिजिटल लाइफस्टाइल का बढ़ता असर
स्क्रीन टाइम की पकड़
मोबाइल, लैपटॉप और डिजिटल कंटेंट ने युवाओं को इस कदर व्यस्त कर दिया है कि प्रकृति और बाहरी दुनिया से उनका जुड़ाव कम हो गया है। सोशल मीडिया, ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म और वर्चुअल गेम्स युवाओं को घर में ही एंटरटेनमेंट का पूरा पैकेज दे रहे हैं।
टेक्नोलॉजी और आरामदायक जीवन
जेन-जी को घर पर बैठे-बैठे ही ग्रोसरी ऑर्डर करने, मूवी देखने, पढ़ाई करने और यहां तक कि दोस्तों से जुड़ने का विकल्प मिल जाता है। इस आसान और सुविधाजनक जीवनशैली ने उन्हें बाहर जाने की जरूरत कम कर दी है।
घर पर रहकर नई सोशल लाइफ
वर्चुअल रिश्तों की दुनिया
बाहर कम समय बिताने के बावजूद, जेन-जी की सोशल लाइफ कमजोर नहीं हुई है। अब रिश्तों को डिजिटल तरीके से निभाने का चलन बढ़ रहा है।
- वीडियो कॉल पर कपल्स साथ समय बिताते हैं।
- ऑनलाइन मूवीज़ और सीरीज देखकर डेट नाइट्स मनाई जाती हैं।
- वर्चुअल गेमिंग सेशन से दोस्ती मजबूत हो रही है।
- यहां तक कि घर पर एक जैसा खाना ऑर्डर कर ऑनलाइन डेट्स भी की जाती हैं।
लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप का नया अंदाज
पहले जहां लंबी दूरी को रिश्तों में बाधा माना जाता था, वहीं आज जेन-जी इसे रोमांचक अनुभव समझती है। वे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए रिश्तों को संभालना जानती है और इसे नए तरीकों से जी रही है।
मानसिक स्वास्थ्य और घर पर रहने का असर
सकारात्मक पहलू
- घर पर रहने से परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलता है।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर क्रिएटिविटी दिखाने का अवसर बढ़ा है।
- काम और पढ़ाई दोनों में लचीलापन आ गया है।
नकारात्मक पहलू
- शारीरिक सक्रियता (Physical Activity) में कमी।
- वास्तविक सामाजिक संपर्क घटने से अकेलापन और चिंता की समस्या।
- बाहर की प्राकृतिक दुनिया से दूरी।
जेन-जी की प्राथमिकताएं
जेन-जी सुविधा, सुरक्षा और टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता देती है।
- सुविधा: ऑनलाइन शॉपिंग, फूड डिलीवरी और डिजिटल पेमेंट्स।
- सुरक्षा: भीड़-भाड़ से दूरी और घर की सुरक्षित जगह में रहना।
- टेक्नोलॉजी: हर गतिविधि को डिजिटल टूल्स के जरिए आसान बनाना।
क्या यह बदलाव स्थायी है?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव पूरी तरह स्थायी नहीं है। जैसे-जैसे जीवनशैली में नए बदलाव आएंगे, वैसे-वैसे जेन-जी भी बाहर की ओर आकर्षित हो सकती है। उदाहरण के लिए, सस्टेनेबल टूरिज्म, आउटडोर फिटनेस और नेचर-फ्रेंडली ट्रेंड्स आने वाले समय में युवाओं की पसंद बन सकते हैं।
निष्कर्ष
जेन-जी की जीवनशैली (Gen Z Lifestyle) इस बात का सबूत है कि समय और टेक्नोलॉजी ने युवाओं की प्राथमिकताओं को पूरी तरह बदल दिया है। जहां पिछली पीढ़ी प्रकृति और बाहरी गतिविधियों से जुड़ी रहती थी, वहीं जेन-जी घर पर रहकर डिजिटल तरीकों से अपनी दुनिया को जीना पसंद करती है। हफ्ते में सिर्फ 49 मिनट बाहर बिताने का आंकड़ा यह बताता है कि डिजिटल युग ने जीवनशैली को नई दिशा दी है।
फिर भी, संतुलन बनाना जरूरी है। तकनीक के साथ-साथ प्रकृति और वास्तविक सामाजिक संपर्क से जुड़ाव भी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है।
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Author: AK
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