Fri, December 1, 2023

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राजस्थानी दिल्ली में एक बार फिर से वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर, राज्य सरकार हुई शख्त, डीजल बसों पर पाबंदी… जानें और क्या क्या हुए हैं बदलाव

Only CNG, Electric, BS-VI Buses Allowed In Delhi-NCR Amidst High Pollution

राष्ट्रीय राजधानी में सर्दी के दौर के साथ साथ एयर पॉल्यूशन का भी दौर शुरू हो चुकी है। दिल्ली के पूरे आसमान पर स्मॉग की चादर है। पूरी दिल्ली के हवा में प्रदूषण का स्तर बेहद तेजी से बढ़ने लगा है। इस तेजी से बढ़ते’ जहरीली हवा’ की वजह से सरकार से लेकर नागरिकों तक की टेंशन बढ़ गई है। इस बीच, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 15 सूत्रीय एक्शन प्लान को जमीन पर उतार दिया है। जिसके बाद आज से नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
आइए आपको बताते हैं कि राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए क्या बड़े बदलाव होने जा रहे हैं?

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को हर साल सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। इस मौसम में दिल्ली और आसपास के इलाकों में पराली जलाने के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे में पिछले तीन साल से दिल्ली सरकार सर्दियों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 15 सूत्रीय एक्शन प्लान को लागू करती आई है। इस एक्शन प्लान को इस साल भी लागू किया गया है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने पिछले महीने शहर के भीतर पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।

दिल्ली में अभी क्या है वायु प्रदूषण की स्थिति?

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बुधवार को लगातार पांचवें दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 373 रहा है। राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास मंगलवार को पूरी तरह से धुंध छाई रही और 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 दर्ज किया गया। यह आंकड़ा इस मौसम में अब तक का सबसे ज्यादा है। आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को यह 347 और रविवार को 325 था। इससे पहले दिल्ली के जहांगीरपुरी में रविवार को सीजन का सबसे ज्यादा AQI 566 ‘खतरनाक’ श्रेणी में दर्ज किया गया है।

दिल्ली-एनसीआर में किन वाहनों के आवाजाही की होगी अनुमति?

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सिर्फ सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-VI बसों-वाहनों की एंट्री पर रोक टोक नहीं रहेगी। ये वाहन आसानी से प्रवेश कर सकेंगे। लेकिन, अगर आपके पास बीएस-3 और बीएस-4 बसें-वाहन हैं तो उनकी एंट्री नहीं हो सकेगी। इतना ही नहीं, ऐसे प्रतिबंधित वाहनों पर एक्शन लिया जाएगा, इसमें जुर्माना की कार्रवाई भी शामिल है।

क्या है आदेश?

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सिर्फ सीएनजी, इलेक्ट्रिक बसों और बीएस-VI डीजल बसों की अनुमति है। दिल्ली सरकार ने निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी आने वाली सभी बसों को इलेक्ट्रिक, सीएनजी या डीजल में बीएस-VI मॉडल होना जरूरी है। ये नियम प्राइवेट बसों के लिए भी सामान रहेगा। सरकार के इस उपाय का उद्देश्य डीजल से चलने वाली बसों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण से निपटना है।

परिवहन विभाग ने जारी किए आदेश, जानें क्या-क्या कहा है?

परिवहन विभाग के आदेश के अनुसार सभी सरकारी और निजी बसों पर लागू होगा। विभाग ने इस से संबंधित हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को एक पत्र भी जारी कर दिया है और इसे आज बुधवार से लागू होने वाले दिशा-निर्देश के बारे में जानकारी दी है। यह निर्णय केवल स्टेट रोडवेज की बसों पर ही नहीं सभी प्राइवेट ऑपरेटरों और स्टेट पीएसयू की बसों पर भी लागू होगा। ट्रांसपोर्ट विभाग ने अपने सर्कुलर में साफ कहा है कि CAQM के इन निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए।
दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय का कहना है कि यहां 70 प्रतिशत बाहरी राज्यों से प्रदूषण आता है। ऐसे में जब तक दिल्ली आने वाली सभी बसें सीएनजी या इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट नहीं हो जातीं, तब तक समस्या बनी रहेगी।

प्रदूषण को लेकर अभी क्या कर रही है दिल्ली सरकार?

  • राज्य सरकार ने खुले में कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
  • NDMC ने ‘मैकेनिकल रोड स्वीपर’ (सड़क सफाई मशीन) तैनात की हैं. आठ ‘एंटी-स्मॉग गन’ की मदद ली जा रही है। ये सड़क या प्रदूषण वाले स्थान पर पानी की महीन बूंदों का छिड़काव करती है ताकि धूल और प्रदूषण के कण बैठ जाएं।
  • 500 वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्रफल वाले निर्माण स्थलों को अनिवार्य रूप से दिल्ली सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने का नियम है, ताकि किसी विशेष स्थल पर होने वाली धूल को सही समय पर नियंत्रित किया जा सके।
  • NDMC ने निर्माण स्थलों का निरीक्षण करने के लिए एक टीम गठित की है. नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एक अप्रैल से 27 अक्टूबर तक 12.50 लाख रुपये के चालान जारी किए गए हैं।
  • 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्रों का सख्ती से निरीक्षण किया जाएगा।
  • दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. सभी प्रकार के उत्पादन, भंडारण, वितरण या बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
  • ऑनलाइन डिलीवरी की भी अनुमति नहीं है।
  • दिल्ली सरकार ने बड़ी संख्या में वॉलिंटर्स को पर्यावरण मित्र के रूप में रजिस्टर्ड किया है। इनकी सिर्फ यही जिम्मेदारी है कि लोगों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाएं।
  • प्रदूषण की निगरानी के लिए एक ग्रीन वॉर रूम बनाया है। इस वॉर रूम में तैनात एक्सपर्ट प्रदूषण डेटा का एनालिलिस करेंगे और भविष्य की कार्रवाई की रणनीति बनाएंगे।
  • मंगलवार से विश्लेषकों और विशेषज्ञों की टीम ने चौबीसों घंटे काम करना शुरू कर दिया है।
  • ग्रीन दिल्ली ऐप पर कचरा जलाने की घटनाओं या यदि कोई वाहन बहुत ज्यादा प्रदूषण फैलाते हुए पाया जाता है तो उसकी रिपोर्ट कर सकते हैं।शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
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