
इजराइल और हमास के बीच जारी जंग से दुनिया के तमाम देश मध्यस्थता करने के लिए आगे आ रहे हैं। जहां इजरायल हमास को पूरा जड़ से मिटाने के लिए कमर कर चुका है। वहीं हमास के गाजा शहर में चारों तरफ तबाही का मंजर है। इजरायल की ओर से किया जा रहे लगातार रॉकेट और बमों के हमले से कई बेकसूर लोगों की जानें जा रहीं हैं। गाजा शहर से लगातार लोगों का पलायन जारी है। गाजा में इस युद्ध को कवर करने के लिए भारत समेत दुनिया भर के तमाम देशों के मीडियाकर्मियों ने डेरा डाल रखा है। जो इस जंग की पल-पल की खबर अपने-अपने देश को पहुंचा रहे हैं। कई बड़े देश अपने-अपने तरीके से इस युद्ध को विनाशकारी शक्ल लेने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। अब अमेरिका, रूस और चीन भी बीच का रास्ता निकालने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। पहले अमेरिका इजरायल का इस युद्ध में खुलकर साथ दे रहा था। लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल हमास के बीच जारी जंग के दौरान कहा कि हमास को नष्ट किया जाना चाहिए, लेकिन फलस्तीनी राज्य के लिए एक रास्ता भी होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि गाजा पर इजरायल का फिर से कब्जा एक बड़ी गलती होगी। इजरायली सेना ने गाजा की सीमा पर टैंक तैनात किया है और कहा कि चरमपंथी समूह को खत्म करने के लिए एक व्यापक अभियान होगा। इजरायल के जोरदार हवाई हमलों ने पूरे गाजा पट्टी को ध्वस्त कर दिया है। युद्ध के पूरे 9 दिनों के बाद इजरायल में मरने वालों की संख्या 1400 है, जिनमें से सैनिकों की संख्या 286 है और 3,227 लोग घायल है वहीं अगर फलस्तीन की बात करें तो उनके हालत और भी बदतर है। ताजा जानकारी के मुताबिक इजरायल के हवाई हमले में फलस्तीन के 2670 लोगों की मौत हो गई और 9714 लोग घायल है। वहीं इस युद्ध के दौरान भारतीय मूल की महिलाएं जान न्यौछावर करते हुए देश पर शहीद हो गई। इजरायल ने गाजा बॉर्डर पर महिला सैनिकों की भी तैनाती की है। इस दौरान भारतीय मूल की महिलाएं भी सीमा पर तैनात थीं। इसी क्रम में किम डोकरकर और ओ मोजज नाम की महिलाएं शहीद हो गई। हालांकि मृतकों और घायलों की संख्या अधिक भी हो सकती है। इजरायल ने हमास के आतंकियों की नाक में दम कर रखा है। उसकी सेना गाजा पट्टी को चारों ओर घेरे हुए है। एक तरफ उसके लड़ाकू विमान आसमान से बम बरसा रहे हैं, तो दूसरी तरफ जमीन पर मौजूद टैंक आग के गोले उगल रहे हैं। आसमान और जमीन के बाद अब समंदर से भी हमले की तैयारी शुरू हो गई। इसको लेकर बेंजामिन नेतन्याहू ने इमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग बुलाई। उन्होंने कहा कि ‘हमास को खत्म करके ही दम लेंगे। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार यूरोप भर में फलस्तीनियों के समर्थन में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। जैसे-जैसे संघर्ष आगे बढ़ रहा है, दुनिया भर में इजरायल और फलस्तीनियों दोनों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन देखे जा रहे हैं, जिनमें से कुछ में हिंसक झड़पें हुईं।
इजरायल ने गाजा में साढ़े तीन लाख से ज्यादा सैनिकों को किया तैनात, पलायन जारी-

इजरायल और हमास की जंग शुरू हुए 9 दिन हो चुके हैं। हमास के खात्मे का प्रण लेकर इजरायली सेना आईडीएफ गाजा पट्टी में दाखिल हो चुकी है। इजरायली सेना के टैंक और बख्तरबंद वाहन लगातार गाजा की सीमा में दाखिल हो रहे हैं। इजरायल अब हर हाल में गाजा पट्टी को अपने कब्जे में करना चाहता है। इसी मंसूबे के साथ इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू शनिवार को गाजा पट्टी के बाहर आईडीएफ सैनिकों से मिलने पहुंचे। इजरायल ने हमास को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए कमर कस ली है। आईडीएफ ने ग्राउंड एक्शन शुरू करते ही गाजा के चारों ओर साढ़े तीन लाख से ज्यादा सैनिकों को इकट्ठा कर लिया है। वहीं दूसरी ओर यूनाइटेड नेशंस का कहना है कि इजराइल-हमास जंग के पहले हफ्ते में गाजा के करीब दस लाख लोग विस्थापित हुए हैं। यानी इन्हें अपना घर छोड़कर कहीं और पनाह लेनी पड़ी है। गाजा की आबादी 20 लाख है। इधर, इजिप्ट ने साफ कर दिया कि वो गाजा के लोगों को अपने सिनाई रेगिस्तान में रुकने की मंजूरी नहीं देगा। प्रेसिडेंट अब्देल फतेह अल सीसी ने सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग के बाद कहा- इस मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इजराइल की ओर से उत्तरी गाजा को खाली करने के लिए दिया गया समय भी खत्म हो चुका है। इस इलाके में 10 लाख की आबादी रहती है। उत्तरी बॉर्डर पर सैकड़ों इजराइली टैंक तैनात हैं। अब यूएन के सामने सबसे बड़ी दिक्कत इन लोगों को पनाह देने की है, क्योंकि इजराइली डिफेंस फोर्स के 10 हजार सैनिक गाजा पर कभी भी जमीनी हमला कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हमास से किसी भी प्रकार की शर्तें रखे बिना बंधकों को तुरंत रिहा करने का आह्वान किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में गुटेरेस ने मध्य पूर्व की मौजूदा स्थिति के बीच मानवीय मदद की अपील कीं। उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा कि मेरी मानवीय अपील हैं कि हमास बंधकों को बिना किसी शर्त के तुरंत रिहा कर दें।
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