Fri, December 1, 2023

DW Samachar logo

Iranian Activist Narges Mohammadi Wins Nobel Peace Prize

Iranian Activist Narges Mohammadi Wins Nobel Peace Prize

शांति का नोबेल पुरस्कार ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता नर्गेस मोहम्मदी को मिलेगा, महिलाओं के अधिकारों को लेकर लंबे समय से किया संघर्ष, कई बार जेल गईं

शुक्रवार को स्वीडन अकादमी ने शांति के लिए नोबेल पुरस्कार का एलान किया। साल 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार ईरानी कार्यकर्ता नर्गेस मोहम्मदी को देने की घोषणा की गई। मोहम्मदी यह पुरस्कार को ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ उनकी लड़ाई और मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है। नॉर्वे में नोबेल समिति ने यह घोषणा की। समिति की ओर से जारी बयान के अनुसार, इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार उन लाखों लोगों का भी सम्मान है, जिन्होंने महिलाओं के भेदभाव और धर्म के नाम पर उत्पीड़न करने वाली शक्तियों के खिलाफ आवाज बुलंद की है। बता दें कि नर्गेस मोहम्मदी डिफेंडर ऑफ ह्यूमन राइट्स सेंटर की वाइस प्रेसिडेंट है। उन्होंने इस्लामिक देश ईरान में मौत की सजा को खत्म करने और कैदियों के हक के लिए लड़ाई लड़ी। इस दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। इसके बावजूद नर्गेस मोहम्मदी अपने इरादों में डटी रहीं। जंजन में जन्मी नर्गेस मोहम्मदी ने इमाम खुमैनी अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहां उन्होंने भौतिकी में डिग्री प्राप्त की। अपने कॉलेज के वर्षों के दौरान, मोहम्मदी ने खुद को समानता और महिलाओं के अधिकारों के लिए एक वकील के रूप में प्रतिष्ठित किया। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने एक इंजीनियर के रूप में काम किया, लेकिन विभिन्न सुधारवादी समाचार पत्रों के लिए कॉलम भी लिखे। वह दो दशक पहले नोबेल शांति पुरस्कार विजेता शिरीन एबादी द्वारा स्थापित संगठन डिफेंडर्स ऑफ ह्यूमन राइट्स सेंटर से जुड़ गईं। 2011 में मोहम्मदी को पहली बार गिरफ्तार किया गया था और जेल में बंद कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों की सहायता करने के उनके प्रयासों के लिए कई वर्षों के कारावास की सजा सुनाई गई थी। नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने कहा, मोहम्मदी अभी भी जेल में है। इससे पहले गुरुवार को नॉर्वेजियन लेखक जॉन फॉसे को साहित्य क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया। जॉन फॉसे को उनके नए नाटकों और गद्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो अनकही को आवाज देते हैं। बता दें कि नोबल पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है।

यह भी पढ़े: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मस्जिद के बाहर किए गए आत्मघाती विस्फोट में 52 लोगों की मौत,100 से अधिक घायलपाकिस्तान के बलूचिस्तान में मस्जिद के बाहर किए गए आत्मघाती विस्फोट में 52 लोगों की मौत,100 से अधिक घायल

यह भी पढ़ेCauvery Water Dispute: तमिलनाडु को कावेरी का पानी दिए जाने के विरोध में भड़के तमाम संगठनों ने कर्नाटक को किया बंद, 140 वर्षों से चला रहा दोनों राज्यों के बीच विवाद

Relates News