Fri, December 1, 2023

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Women’s Reservation Bill: केंद्रीय कैबिनेट में महिला आरक्षण विधेयक को मिली मंजूरी, संसद के विशेष सत्र में किया जाएगा पेश

आज संसद के विशेष सत्र के बीच कैबिनेट की अहम बैठक हुई। आज के इस अहम बैठक में लंबे समय से पारित महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। केंद्रीय कैबिनेट से बिल को हरी झंडी मिलने के बाद अब इसे संसद के विशेष सत्र में पेश किया जाएगा।

Just in: Union Cabinet clears Women’s reservation Bill seeking to reserve 33% seats in Lok Sabha & State legislative assemblies for women

बता दें कि आज सोमवार शाम 6.30 बजे केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुरू हुई। बैठक संसद की नई एनेक्सी बिल्डिंग में हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में महिला आरक्षण बिल पर विस्तार से चर्चा हुई।प्रधानमंत्री मोदी के अलावा बैठक में राजनाथ सिंह, अमित शाह, पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी, एस जयशंकर, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, नितिन गडकरी और अर्जुन राम मेघवाल सहित केंद्रीय मंत्री शामिल हुए।

Women’s Reservation Bill 2023

दरअसल, संसद सत्र 18-22 सितंबर तक आयोजित किए जाने की घोषणा के बाद से ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस सत्र में सरकार महिला आरक्षण विधेयक या अन्य महत्वपूर्ण विधेयक ला सकती है।

क्या है महिला आरक्षण विधेयक:

Just in: Union Cabinet clears Women’s reservation Bill seeking to reserve 33% seats in Lok Sabha & State legislative assemblies for women

महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है। लैंगिक समानता और समावेशी शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होने के बावजूद, यह विधेयक बहुत लंबे समय से अधर में लटका हुआ है।

महिला आरक्षण विधेयक से जुड़ी अहल बातें:

इस विधेयक को शुरू में 12 सितंबर, 1996 को संसद में एचडी देवेगौड़ा की संयुक्त मोर्चा सरकार ने लोकसभा में पेश किया गया था।

इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करना है।
आरक्षण मानदंड- बिल के अनुसार, सीटें रोटेशन के आधार पर आरक्षित की जाएंगी। सीटों का निर्धारण ड्रा से इस प्रकार किया जाएगा।
वाजपेयी सरकार ने लोकसभा में बिल के लिए जोर दिया, लेकिन फिर भी इसे पारित नहीं किया गया।

कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूपीए एक सरकार ने मई 2008 में एक बार फिर इस विधेयक को पेश किया।

इस विधेयक को नौ मार्च, 2010 को राज्य सभा ने पारित किया गया था, लेकिन अभी लोकसभा से पारित होना बाकी है।

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