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राजधानी दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन में अब केवल 2 दिन बचे हैं। 28 मई रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई संसद का उद्घाटन करेंगे। लेकिन विपक्ष को पीएम मोदी का उद्घाटन करना रास नहीं आ रहा है। नई संसद बिल्डिंग को लेकर भाजपा सरकार और विपक्ष की तमाम पार्टियों के बीच सियासी घमासान मचा हुआ है। तीन दिवसीय दौरे के बाद आज गुरुवार सुबह दिल्ली लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर करारा प्रहार किया। पालम एयरपोर्ट पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनका स्वागत किया। यहां उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की आत्मा क्या होती है, लोकतंत्र का सामर्थ्य क्या है, यह ऑस्ट्रेलिया में हुए भारतीय इवेंट को देखकर समझा जा सकता है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के बीच जो समारोह हुआ, उसमें वहां के पीएम, पूर्व पीएम, सत्ता पक्ष के सांसद और पूरा विपक्ष शामिल हुआ था। ये वहां का लोकतंत्र है। इस इवेंट में सत्ता और विपक्ष दोनों ने भारत के प्रतिनिधि को सम्मान दिया। दरअसल, बुधवार को कांग्रेस समेत 19 दलों ने देश की नई पार्लियामेंट बिल्डिंग के उद्धाटन के बायकॉट का एलान किया था। इन पार्टियों ने कहा कि जब लोकतंत्र की आत्मा ही निकाल ली गई है, तो नई इमारत की कोई कीमत नजर नहीं आती हैं। पीएम के भाषण को इस बयान से जोड़कर देखा जा रहा है। पीएम मोदी के बाद गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जबरदस्त हमला बोला है।
मोदी जी,
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 25, 2023
संसद, जनता द्वारा स्थापित लोकतंत्र का मंदिर है।महामहिम राष्ट्रपति का पद संसद का प्रथम अंग है।
आपकी सरकार के अहंकार ने संसदीय प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है।
140 Cr भारतीय जानना चाहते हैं कि भारत के राष्ट्रपति से संसद भवन के उद्घाटन का हक़ छीनकर आप क्या जताना चाहते हैं ?
जयराम रमेश ने कहा, यह एक व्यक्ति का अहंकार और आत्म-प्रचार की इच्छा है जिसने पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है। उन्होंने पीएम तंज कसते हुए उन्हें मोदी द इनॉग्रेट (उद्घाटन) कहा है। गुरुवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा, कल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रांची में झारखंड उच्च न्यायालय परिसर में देश के सबसे बड़े न्यायिक परिसर का उद्घाटन किया। यह एक व्यक्ति का अहंकार और आत्म-प्रचार की इच्छा है जिसने पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को 28 मई को नई दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन करने के संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है। जयराम रमेश ने देश में महान की उपाधि पाए दो शासकों से तुलना करते हुए आगे लिखा, अशोक द ग्रेट, अकबर द ग्रेट और मोदी द इनॉग्रेट। नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से न कराए जाने के विरोध में कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी और आम आदमी पार्टी समेत देश के 19 राजनीतिक दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इन दलों ने एक संयुक्त बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। बयान में कहा गया है कि लोकतंत्र की आत्मा को संसद से निष्कासित कर दिया गया है। ऐसे में हमें इस इमारत में कोई मूल्य नहीं नजर आता। हम निरंकुश प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। विपक्ष ने कहा, हम इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपने मतभेदों को दूर करने को तैयार थे। लेकिन जिस तरह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए जिस तरह से नई संसद बिल्डिंग का उद्घाटन प्रधानमंत्री से कराने का निर्णय लिया गया, वह शीर्ष पद का न केवल अपमान है, बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला है। वहीं बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कांग्रेस के दो प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि जब इंदिरा संसद एनेक्सी का और राजीव संसद लाइब्रेरी का उद्घाटन कर सकते हैं तो पीएम मोदी क्यों नहीं?