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निकाय चुनाव के बाद से सभी राजनीतिक दल का फोकस अब मिशन 2024 पर है…इसी सिलसिले में राजधानी लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक समीक्षा बैठक की जिसमें 18 मंडल के अध्यक्ष प्रदेश के सभी जिलों के जिलाध्यक्ष, नेशनल कॉर्डिनेटर के अलावा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र, और बसपा के एकमात्र विधायक उमाशंकर सिंह बहु शामिल थे…
कुक 8 बिंदुओं पर हुई बैठक में चर्चा:
बसपा प्रदेश कार्यालय पर बसपा सुप्रीमो ने निकाय चुनाव में जनता का सहयोग देने पर शुक्रिया अदा किया वही आगामी आम चुनाव को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को मंत्र फूंका और मिशन 2024 को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को अलग लहजे में चेताया भी. बसपा सुप्रीमों ने आगे यह भी कहा कि आम चुनाव में यूपी को बीजेपी से मुक्त करना है, इस संकल्प के साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी लागातर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते आ रही है
बसपा पूंजीपतियों की पार्टी नही:
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश महंगाई और बेरोजगारी व्याप्त है जिसकी वजह सत्ताधारी पार्टी का पूंजीपतियों की पार्टी होना है उन्होंने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि ओबीसी आरक्षण, महिला आरक्षण वाली सीटो पर हर तरीके मैन्युपुलेशन की गई, अगर मेयर के चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट से होते तो नतीजा कुछ और ही होता
खोयी हुई राजनीति जमीन तलाश रही बसपा:
बहुजन समाजवादी पार्टी यूपी में लागातर बुरा प्रदर्शन कर रही है, 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से इसकी स्तिथि खराब होती जा रही है… 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बसपा को निराश लगी वही 2023 के निकाय चुनाव में भी बसपा के हाथ खाली ही रहे जबकि 2017 के निकाय चुनाव में बसपा के पास 2 मेयर की सीटें थी. आगामी आम चुनाव में बसपा यह चाहेगी की प्रदेश में जो राजनीति जमीन खिसक चुकी है उसे वापस पाया जा सके