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“मातृभाषा में शिक्षा बुनियादी शिक्षा में अधिक प्रभावी होगी” – शकील काकवी, बुनियादी शिक्षा दिवस के अवसर पर कायनात में फूलों के गुलदस्ते को फूलगोभी में बदला गया। स्वतंत्रता सेनानी लतीफ शम्सी की पुस्तक “मुस्लिम विश्वविद्यालय अलीगढ़ और मेरी दास्तान-ए-हयात” का भी हुआ विमोचन
भारत के पूर्व राष्ट्रपति, महान शिक्षाविद् डॉ. जाकिर हुसैन को श्रद्धांजलि देने के लिए जहानाबाद के काको स्थित कायनात फाउंडेशन द्वारा बुनियादी शिक्षा दिवस के रूप में चिह्नित किया गया। कार्यक्रम का उद्धघाटन जहानाबाद उप विकास आयुक्त परितोष कुमार एवं अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी राजीव रंजन ने किया ।


आपको बताते चलें कि कायनात इंटरनेशनल स्कूल, काको, जहानाबाद ने डॉ जाकिर हुसैन के 24वें वार्षिक दिवस को बुनियादी शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। इस दौरान शैक्षिक रूप से पिछड़े समुदाय के छात्रों के साथ, मदरसा एवं कायनात के छात्रों ने ग्रामीण विज्ञान प्रदर्शनी में सक्रिय भाग लिया।





अतिथियों का स्वागत शकील अहमद काकवी ने फूलों के गुलदस्ते के बजाय फूलगोभी से किया और कहा कि “पर्यावरण हमारी जिम्मेदारी है, पर्यावरण के अनुकूल बुनियादी शिक्षा दिवस समारोह को ध्यान में रखते हुए फूलों के गुलदस्ते को फूलगोभी में बदल दिया गया, जिसे दर्शकों और अतिथि ने बहुत सराहा।
डॉ. जाकिर हुसैन साहब का जीवन और एक शिक्षाविद के रूप में योगदान को व्यापक रूप से अंकेश कुमार, हिफजुल्लाह, आतिफ नसीम, समर अली, सौरव समन, इंतेशब आफताब के साथ शारजील अहमद काकवी के नेतृत्व में कायनात छात्रों द्वारा मॉक पार्लियामेंट की चर्चा किया गया था।



वहीं स्वतंत्रता सेनानी लतीफ शम्सी ने जामिया मिलिया इस्लामिया में अपने अध्ययन के दौरान डॉ. जाकिर हुसैन के जीवन के बारे में बताया और एक छात्र के रूप में डॉ. जाकिर हुसैन के साथ अपने व्यक्तिगत जुड़ाव का उल्लेख किया। इस अवसर पर लतीफ शम्सी की पुस्तक “मुस्लिम विश्वविद्यालय अलीगढ़ और मेरी दास्तान-ए-हयात” का विमोचन किया गया।




कायनात फाउंडेशन के संस्थापक सचिव शकील काकवी ने कहा कि स्वर्गीय डॉ. जाकिर हुसैन महान शिक्षाविद थे। वे जामिया मिलिया इस्लामिया केंद्रीय विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्य में से एक थे। उनका बिहार के पूर्व राज्यपाल, पूर्व उपराष्ट्रपति और भारत के राष्ट्रपति बुनियादी शिक्षा के क्षेत्र में डॉ हुसैन का योगदान उल्लेखनीय है। युवा पीढ़ी को उनके योगदान को जानना चाहिए और एक शिक्षाविद् के रूप में उनके योगदान की मान्यता में उनकी जन्मतिथि को बुनियादी शिक्षा दिवस के रूप में चिह्नित किया जाना चाहिए।

जहानाबाद उप विकास आयुक्त परितोष कुमार ने कहा कि बुनियादी शिक्षा दिवस के दौरान छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने और ग्रामीण और हाशिए पर रहने वाले समुदाय के छात्रों के बीच वैज्ञानिक स्वभाव पैदा करने में कायनात फाउंडेशन और कायनात इंटरनेशनल स्कूल की भूमिका की सराहनिय है।
वहीं जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी राजीव रंजन ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय से सभी सहायता और समर्थन का आश्वासन दिया और बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. जाकिर हुसैन के योगदान को मान्यता देने के लिए बेसिक शिक्षा दिवस के आयोजन में छात्रों की प्रशंसा की।

कायनात इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने वैज्ञानिक प्रदर्शनी लगाई, जिसके बाद रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। बेसिक शिक्षा दिवस कार्यक्रम का समापन 9 फरवरी 2023 को होगा। बिहार गान को कायनात इंटरनेशनल स्कूल के स्काउट्स एंड गाइड्स द्वारा द्वारा प्रस्तुत किया गया , कृष्ण विज्ञान केंद्र, राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) पटना के मोबाइल प्रदर्शनी वैन,सहित टेलीस्कोप द्वारा प्रस्तुत आकर्षण का केंद्र रहा। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।