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World Cancer Day 2023 – Crusade Against Cancer: अपने इरादे और हौसले बुलंद रखें, कैंसर को अपने ऊपर हावी न होने दें

World Cancer Day 2021
World Cancer Day 2021 – Crusade Against Cancer

आज भी यह दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों में एक मानी जाती है। इसका नाम सुनते ही अच्छा खासा स्वस्थ आदमी भी बीमार हो जाता है । जी हां हम बात कर रहे हैं कैंसर की । आज 4 फरवरी हैं, इस दिन पूरी दुनिया ‘कैंसर डे’ मनाती हैं। इस मौके पर आओ संकल्प लें, कैंसर को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने देंगे । इस बीमारी के प्रति सचेत जागरूक भी रहना होगा। मौजूदा समय में हमारे खानपीन में कई नए तत्व शामिल हो गए हैं जिनसे यह तेजी से फैल रहा है । बता दें कि भागमभाग जीवन शैली के बीच स्वस्थ रहने के लिए अच्छा खानपान, हेल्थी लाइफस्टाइल जरूरी हैं, लेकिन जिस तरह से रहन-सहन बदल रहा हैं उससे कई तरह के रोग भी हो रहे हैं, इसमें सबसे गंभीर बीमारी कैंसर हैं। कैंसर से बचाव और उसके प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस मनाने की शुरुआत सन 1933 में हुई थी। इस साल विश्व कैंसर दिवस की थीम है ‘मैं हूं और मैं रहूंगा’ । यहां आपको बता दें कि ये थीम साल 2019 से 2021 तक यानि तीन साल के लिए रखी गयी है जो इस साल भी कायम है। सबसे पहले विश्व कैंसर दिवस वर्ष 1993 में जिनेवा, स्विट्रजलैंड में यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल के द्वारा मनाया गया था।

लोगों को जागरूक करने के लिए कैंसर दिवस मनाया जाता है-

बता दें कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के मामले में भारत तीसरे नंबर हैं। चीन और अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा मामले यहीं देखने को मिलते हैं। औसतन दुनिया भर में करीब 96 लाख लोगों की मौत इसकी वजह से होती हैं। इनमें 70 फीसदी मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। कैंसर के खतरों के बारे में आम लोगों को जागरूक करने और इसके लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो ये समझते हैं कि ये बीमारी छूने से फैलती है जिसके चलते लोग कैंसर के मरीजों से अच्छा व्यवहार नहीं करते। कैंसर के संबंध में फैली गलत धारणाओं को कम करने और कैंसर मरीजों को मोटीवेट करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। भारत में हर साल एक लाख से अधिक नए कैंसर के मामले सामने आते हैं। उनमें से ज्यादातर लोगों की मौत बीमारी की अनदेखी के कारण होती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर आठ मिनट में एक महिला की मृत्यु कैंसर से होती हैं। वहीं नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन रिसर्च के अनुसार, देश में हर दो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का पता चलता हैं।

भारत के साथ दुनिया भर में कैंसर की बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है-

कैंसर की बीमारी पिछले कुछ समय से भारत सहित पूरी दुनिया में बढ़ रही हैं। इसकी रोकथाम के लिए चिकित्सकीय उपायों के साथ ही सामाजिक और आर्थिक विश्लेषण की भी जरूरत हैं। आंकड़ों पर गौर करें, तो पिछले 25 बरस में हृदय रोगियों की तादाद में 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ हैं। आने वाले 20 बरस में हर वर्ष कैंसर की चपेट में आने वालों की तादाद लगभग दोगुनी हो जाने वाली हैं। साल दर साल यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा हैं। पर कई शोधों में यह बात साबित हुई हैं कि कैंसर से खुद को बचाया जा सकता हैं, साथ ही ये भी पता चला हैं कि बस 5 प्रतिशत कैंसर ही हेरिडिटरी होता हैं। बता दें कि नई तकनीक आने से कैंसर के उपचार की संभावना बढ़ी हैं कैंसर के इलाज में नई तकनीकी आने से इलाज की सफलता दर बढ़ गई हैं बल्कि उसके साइड इफेक्ट (दुष्प्रभाव) भी घट रहे हैं। इम्युनोथैरेपी, यह दवा शरीर के उस हिस्से को टारगेट करती हैं जहां कैंसर होता हैं। इस दवा से केवल कैंसर के सेल्स ही मरेंगे हेल्दी सेल्स को नुकसान नहीं होगा। अभी कुछ समय पहले तक कीमोथेरेपी का असर पूरे शरीर पर होता था अच्छे सेल्स भी मरते थे। जिससे बालों का झड़ना जलन और वजन कम होना आज साइड इफेक्ट होते थे । इस नई तकनीक से देश में अभी ब्लड कैंसर का इलाज हो रहा हैं, अगले कुछ वर्षों में दूसरे कैंसर में भी इसका लाभ मिलेगा।

‘माइक्रोबायोम वैक्सीन’ और ‘जीन थेरेपी’ कैंसर के लिए असरदार—

माइक्रोबायोम वैक्सीन कैंसर के इलाज के लिए बहुत ही कारगर साबित हो रही हैं। सभी प्रकार के कैंसर का सीधा संबंध पेट के बैक्टीरिया से होता हैं, इन्हें माइक्रोबायोम कहते हैं। जब हमारे खान-पान में गड़बड़ी होती हैं तो इसका असर माइक्रोबायोम पर पड़ता हैं और कैंसर की आशंका बढ़ जाती हैं। अब माइक्रोबायोम से ‘वैक्सीन’ बन रही हैं जो कि कैंसर के बैक्टीरिया को खत्म कर सकेगी। इसके अलावा ‘जीन थेरेपी’ भी कैंसर में सहायक सिद्ध हो रही हैं, इससे ब्लड से जुड़ी बीमारियां और कैंसर ठीक किया जाता हैं। इससे थैलेसीमिया व हीमोफिलिया का सफल इलाज हो रहा हैं। जीन थेरेपी में माइक्रो सेल्स पर स्तर पर इलाज किया जाता हैं। खराब जीन को निष्क्रिय कर दिया जाता है । इसमें स्टेम सेल्स का उपयोग भी होता हैं।

आज के भागदौड़ भरे जीवन में हर रोज करें व्यायाम तभी रहेंगे स्वस्थ—

प्रत्येक मनुष्य को हर रोज योग, व्यायाम और पैदल घूमना चाहिए, इससे पूरे शरीर को एनर्जी मिलती हैं और शरीर में इम्युनिटी में भी लाभ होता हैं। हफ्ते में 3 बार 30 मिनट्स एयरोबिक एक्सरसाइज और दो बार 20 से 30 मिनट्स के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज करने से कैंसर को दूर किया जा सकता हैं। लोगों की क्षमता को देखते हुए उन्हें ये एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती हैं। इसके अलावा भी समय-समय पर चिकित्सक से परामर्श भी लेते रहें। कैंसर डे के मौके पर और संकल्प ले धूम्रपान को अलविदा कहेंगे। तंबाकू से होने वाले नुकसानों से लगभग हर कोई वाकिफ हैं तब भी इसकी बिक्री में कोई खास कमी नहीं आती हैं। ग्लोबल एडल्ट तंबाकू सर्वेक्षण के अनुसार, 10.7 फीसदी भारतीय युवा जो 15 वर्ष या उससे अधिक के हैं वो धूम्रपान करते हैं, जबकि चबाने वाले तंबाकू का सेवन 21.4 फीसदी लोग करते हैं। धूम्रपान कई तरह के कैंसर को बुलावा देता हैं जिनमें से मुंह, गले, फेफड़े और गुर्दे का कैंसर प्रमुख हैं।

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