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उत्तराखंड स्थित जोशीमठ संकट के मामले में सर्वोच्च अदालत ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का मामले में याचिकाकर्ता चाहें तो उत्तराखंड हाईकोर्ट जा सकते हैं। इस मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वारानंद सरस्वती ने याचिका लगाई थी। याचिका में मांग की गई थी कि केंद्र सरकार से कहा जाए कि वह संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे और मरम्मत के काम में मदद करे। साथ ही जोशीमठ के रहने वालों को तुरंत राहत दी जाए।






सीजेआई ने याचिकाकर्ता से कहा कि जब हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है तो आप वहां जाकर अपनी बात क्यों नहीं रखते। याचिका में प्रभावित लोगों के पुनर्वास के साथ उनको आर्थिक मदद मुहैया कराने का भी आदेश देने का आग्रह कोर्ट से किया गया है। याचिका में जोशीमठ क्षेत्र की जनता के जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भूस्खलन, भू-धंसाव, भूमि फटने जैसी घटनाओं से निपटने के लिए उसे राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में घोषित कर त्वरित और कारगर कदम उठाने का आदेश केंद्र और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को देने की गुहार लगाई गई है।