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राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग यानी एनएचआरसी की लगातार बैठक चल रही थी। दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के मुद्दे थी मुख्य वजह। समाधान के लिए तीन दौर की बैठकें आज जब खत्म हुई तो इसके बाद ही यह फ़ैसला लिया गया। एनसीआर में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण को देखते हुए एनएचआरसी ने दिल्ली, हरियाणा पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये तीसरे दौर की बैठक करते हुए वायु प्रदूषण को रोकने के लिए यह चर्चा की।
देश के कई राज्यों में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण सैनिटेशन वर्कर की होने वाली मौतों और पूरे से होने वाले वायु प्रदूषण आदि जैसे तमाम विषयों पर राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉलिंग करिए चर्चा की गई और उन्हें प्रदूषण को रोकने और कम करने के लिए निर्देश भी दिए गए। बातचीत के दौरान राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के उपनिदेशक जैनी कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि लगातार पराली जलाने के लिए किसान किसान ही नहीं बल्कि राज्य सरकार की जिम्मेदार है आज हमने चार राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक करते हुए दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए और इसी के साथ वायु प्रदूषण को रोकने के लिए आगे की रणनीति पर भी चर्चा की।
गौरतलब है कि पहले दौर की बैठक 10 नवंबर को की गई थी। पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्य सचिवों को वायु प्रदूषण के समाधान के लिए अब तक की गई विभिन्न कार्य भाइयों से संतुष्ट नहीं होने की वजह से हाइब्रिड मोड पर उपस्थित होने के लिए कहा गया था। राज्य सरकारों को पराली से मुक्ति पाने के लिए कटाई मशीन निशुल्क प्रदान करने चाहिए या कम कीमत पर किसानों को मशीनें दी जानी चाहिए जिससे किसान पराली जलाने के लिए मजबूर ना हो।
NHRC के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा की अध्यक्षता मे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चारराज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वायु प्रदूषण के नियंत्रण को लेकर बैठक करते हुए जवाब मांगा। पिछले सुनवाई मे दिल्ली एनसीआर मे वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पंजाब हरियाणा दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्य सचिवों
जैनी कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि आज की बैठक में पराली जलाने के विषय में विस्तृत चर्चा की गई है कि कैसे किसानों को पंचायत और निकाय स्तर पर उपकरण मुफ्त उपलब्ध कराई जाए ताकि वह धान की कटाई को सही समय और सही तरीके से कर सके। याद जो लोग उपकरण को खरीदने की क्षमता रखते हैं उन्हें भी कीमत पर उपकरण उपलब्ध करवाई जाए जिससे किसानों को पराली जलाने के लिए मजबूर ना होना पड़े। अस्पतालों का कूड़ा हो या सड़कों पर धूल जिसकी वजह से वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है उसका प्रबंधन किया जाए उसके लिए कितने मैकेनाइज्ड डिवाइस है और कितनी क्षमता में उन्हें मंगवाया जा रहा है आदि का ब्यौरा आयोग ने मांगा है।