शांति के लिए बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की और रूस-यूक्रेन के दो संगठनों को संयुक्त रूप से दिया गया नोबेल पुरस्कार

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चिकित्सा, फिजिक्स, केमिस्ट्री और साहित्य के बाद आज शांति के लिए भी नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई।इस बार ये पुरस्कार एक मानवाधिकार कार्यकर्ता समेत दो संस्थाओं को दिया गया है। नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की (Ales Bialiatski), रूसी मानवाधिकार संगठन मेमोरियल (Memorial) और यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज (Center for Civil Liberties) को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा है। नोबेल पुरस्कार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी गई है। पिछले साल, फिलीपींस के पत्रकार मारिया रसा और रूस के दिमित्री मुराटोव ने 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार जीता था। ट्विटर पोस्ट में कहा गया, “बेलारूस के मानवाधिकार अधिवक्ता एलेस बियालियात्स्की, रूसी मानवाधिकार संगठन मेमोरियल और यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज को नोबेल शांति पुरस्कार, 2022 से सम्मानित करने का फैसला लिया गया है। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अपने देशों में नागरिक समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कई वर्षों तक नागरिकों के मौलिक अधिकारों के लिए काम किया है।इन संगठनों ने युद्ध अपराधों, मानवाधिकारों के हनन और सत्ता के दुरुपयोग का दस्तावेजीकरण करने के लिए उत्कृष्ट प्रयास किया है। इसके साथ ही शांति और लोकतंत्र के लिए नागरिक समाज के महत्व पर जोर दिया। बेलारूसी मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की 1980 के दशक में लोकतांत्रिक आंदोलन शुरू करने वालों में से एक हैं। 1996 में उन्होंने वियासना (Viansa) संगठन की स्थापना की। उन्होंने अपना पूरा जीवन राजनीतिक कैदियों पर होने वाले अत्याचारों, देश में लोकतंत्र की स्थापना और शांतिपूर्ण विकास के लिए समर्पित किया।