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भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने केजरीवाल सरकार के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि विद्युत कंपनियों के 3200 करोड़ रुपये का बकाया को पूरी तरह से माफ कर दिया। जबकि यह बकाया केजरीवाल सरकार को प्राइवेट कंपनियों द्वारा दिए जाने थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के नागरिकों को छूट देने की बात ईमानदारी से नहीं दी गई क्योंकि बीच में विचौलियों को लाभ पहुंचाने का एक मकसद दिया गया।
आज प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि लेट फी के नाम पर प्राइवेट कंपनियों के नाम पर 18 फीसदी वसूल की अनुमति दी गई लेकिन वहीं कंपनियां 12 फीसदी ही क्यों दिल्ली सरकार को दे रही थी। जबकि 6 फीसदी रकम कहां गया, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। यानी लगभग 8000 करोड़ रुपये कहां मिला, इसकी जानकारी किसी को नहीं मिली। इतना ही नहीं बोर्ड में हमेशा से प्राइवेट कंपनियों के ही आदमी शामिल रहते थे लेकिन यह पहली बार हो रहा है जब केजरीवाल सरकार ने अपने दो व्यक्तियों और राज्यसभा सांसद के एक बेटे को नियुक्त किया। आखिर सरकार ऐसा क्यों किया और इसके पीछे क्या कारण था, इसका जवाब आज तक नहीं दे सके।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब सत्ता में नहीं थे तो केजरीवाल ने कहा था कि जब वह सत्ता में आएंगे तो वे भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे लेकिन आज विद्युत कंपनियों के साथ मिलकर आज करोड़ो रुपये का भ्रष्टाचार कर कर रहे हैं। इसका जवाब उन्हें देना होगा। उन्होंने केजरीवाल से सवाल करते हुए कहा कि जब दिल्ली में एलपीजी पर सब्सिडी दी जा सकती है तो बिजली पर सब्सिडी क्यों नहीं दी जा सकती है इसका जबाव उन्हें देना होगा।