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आबकारी नीति भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने विजय नायर के रूप में पहली गिरफ्तारी की
नई आबकारी नीति, दिल्ली की केजरीवाल सरकार के लिए एक नासूर बन चुकी है। सीबीआई की जांच के बाद ही यह नीति पूरी तरह से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय है। हालांकि जब यह नीति लागू हुई तबसे ही इसका विरोध और इसमें करोड़ो रूपये घोटाले की बात भाजपा और कंग्रेस द्वारा कहा जाने लगा। उपराज्यपाल ने जब इसमें सीबीआई की जांच बैठाई तो मनीष सिसोदिया ने यह कहकर इस नीति को तुरंत वापस ले लिया कि इससे दिल्ली के राजस्व को घाटा हुआ है जबकि जबकि लागू होने से पहले 10,000 करोड़ रुपये के दिल्ली के राजस्व में बढ़ोतरी की बात कर रहे थे।
अगस्त महीने में सीबीआई ने FIR दर्ज की थी, जिसमें दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर, नौ व्यवसायी और दो कंपनियों को नामजद किया। 15 लोगों की लिस्ट तैयार की गई थी। तब तक इसी दौरान दो स्टिंग ऑपरेशन के बाद कई सारे खुलासे हुए और अब सीबीआई ने नई आबकारी नीति में हुए करोड़ो के घोटालों में बड़ी कार्रवाई करते हुए एंटरटेनमेंट, इवेंट मीडिया कंपनी के पूर्व सीईओ और आम आदमी पार्टी के लिए पंजाब और गुजरात में मीडिया स्ट्रैटजी तैयार करने वाले विजय नायर को देर शाम गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार होते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने ट्वीट कर लिखा कि नई आबकारी नीति में करोड़ों का घोटाला में केजरीवाल की यह पहली विकेट का पतन हुआ है। उन्होंने कहा कि आबकारी नीति में केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने शराब माफ़ियाओं के साथ मिलकर करोड़ो का भ्रष्टाचार किया है और साथ ही इस भ्रष्टाचार के पैसों को पंजाब और अन्य राज्यों में हुए चुनाव में पानी की तरह बहाया गया। सीबीआई ने जिन 15 लोगों की लिस्ट तैयार की है इसमें अब पहली गिरफ्तारी है। इसके बाद केजरीवाल के चहेते सिसोदिया भी जेल के सलाखों के पीछे होंगे।
इस पूरे मामले में आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी देर रात एक वीडियो जारी कर कहा कि यह सब बदले की भावना है। घण्टों तक सीबीआई विजय नायर के यहां रेड मारकर जांच करती रही लेकिन कुछ मिला नहीं। विजय नायर ऐसे इंसान हैं जिन्होंने पहले पंजाब चुनाव में जीत का फॉर्मूला तय कर जीत दिलाया था और अब गुजरात के लिए जीत का रास्ता साफ कर रहे हैं। भाजपा को इसी बात का डर है क्योंकि उसे गुजरात में केजरीवाल से हारने का डर सता रहा है।