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भारत में चिता आया, चिता आया,इस बात को लेकर खूब खेला हुआ। कई सुर्खिया बटोरी गई, कई तरह की चर्चाएं भी हुई। मोदी सरकार की भी दिल खोल कर तारीफ की गई। लेकिन इस बीच पर्यावरण पर जो प्रहार किया गया, उस खबर को सुर्खियों से गायब कर दिया गया। जब खबर आई कि कार्यक्रम ओ चक्कर में 300 पेड़ काटे गए तो इसके बाद खलबली मचनी शुरू हो गई। जिस पर मध्यप्रदेश वन विभाग के अधिकारियों का जवाब आया है।
अधीकरियों ने बताया कि नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को पिछले सप्ताह कूनो नेशनल पार्क में छोड़े जाने के कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और करीब 300 अन्य अतिथियों के दौरे की तैयारियों के मद्देनजर पेड़ काटे जाने से जुड़ी मीडिया में आयी खबरें ‘फर्जी’ हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि राष्ट्रीय उद्यान में सिर्फ एक अतिथि गृह है, इसी कारण वीआईपी लोगों के ठहरने के लिए तंबू लगाए गए थे और इनके लिए जगह बनाने की खातिर ‘बड़ी संख्या में पेड़ों को काटा गया था।
इतना ही नहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि हेलीपैड बनाने के लिए भी पेड़ो की बलि चढ़ाई गई थी। खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘कूनो में हेलीपैड बनाने के लिए कोई पेड़ नहीं काट गया है। जिस जगह को चुना गया था, वहां पहले से ही पेड़ नहीं थे और पेड़ काटे जाने से जुड़े खबरें पूरी तरह फर्जी हैं।
उन्होंने कहा, ‘ना तो वहां 300 अतिथि थे और ना ही उनके ठहरने के लिए तंबू लगाए गए थे। वास्तविकता यह है कि सेसाईपुरा रिसॉर्ट में तंबू लगाए गए थे, जहां सभी अतिथि और अधिकारी रुके थे। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में तंबू लगाने की खबरें फर्जी हैं। इसके बाद पीआईबी ने भी एक ट्वीट किया जिसमें उसने पेड़ों के काटे जाने की बात को झूठा बताया। पीआईबी ने ट्वीट किया और इस खबर को फर्जी बताया है। पीआईबी की ‘फैक्ट चेकिंग टीम’ ने कहा है, ‘मीडिया में आयी फर्जी खबरों में दावा किया गया है कि आठ चीतों को कूनो वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ने के लिए प्रधानमंत्री के साथ करीब 300 अतिथियों के दौरे के मद्देनजर बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए हैं। सभी के रुकने का इंतजाम सेसाईपुरा एफआरएच और पर्यटन जंगल लॉज में किया गया था। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने नामीबिया से लाए गए आठ चीतों, पांच मादा, तीन नर, को अपने जन्मदिन, 17 सितंबर को कूनो अभयारण्य में छोड़ा था।