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कल यानी 31 अगस्त को सीएम केजरीवाल ने एक प्रेसवार्ता कर कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली में वर्चुवल क्लास खोल चुकी है जो देश का पहला वर्चुवल क्लास होगा और इससे दिल्ली के गरीब बच्चे और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चे जो स्कूल नहीं जा पाते वह मोबाइल के द्वारा ही इसपर पढ़ाई करेंगे। दिल्ली के बच्चों के इंजीनियर और डॉक्टर बनने के सपने अब पूरे होंगे। साथ ही केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार देश में पहली ऐसी सरकार है जो वर्चुवल क्लास शुरू कर रही है। इससे पहले किसी राज्य ने ऐसा नहीं किया है।

केजरीवाल के इस बयान पर पहले भाजपा और फिर National Institute of Open Schooling (NIOS) ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा का साफ कहना है कि इंजीनियर-डॉक्टर बनने के लिए सबसे पहले जरूरी होता है साइंस की पढ़ाई करना लेकिन दिल्ली सरकार के 698 स्कूलों में साइंस की पढ़ाई तक नहीं होती है। बच्चे तो तब इंजीनियर डॉक्टर बनेंगे जब उन्हें वह विषय पढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के स्कूलों की तारीफ करते केजरीवाल नहीं थकते, लेकिन दिल्ली सरकार के 745 स्कूलों में प्रिंसिपल 416 में उपप्रधानाध्यपक तक नहीं हैं, उसके बारे में एक भी बार केजरीवाल ने जनता को क्यों नहीं बताया।
भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच यह जुबानी जंग और क्रिया प्रतिक्रिया चल ही रही थी कि तभी NIOS ने भी वर्चुअल क्लास पर अपनी प्रतिक्रिया दे दी। NIOS ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि देश का पहला वर्चुअल स्कूल अगस्त 2021 में ही शुरू कर दिया गया था।
NIOS ने पहले ट्वीट कर कहा,
With reference to certain media reports regarding the claims of India’s first virtual school being launched today. It is informed that the first virtual school of the country was already launched by NIOS in August 2021@dpradhanbjp@Annapurna4BJP@Drsubhassarkar @RanjanRajkuma11 pic.twitter.com/3Yq0N6oVRP
— NIOS (@niostwit) August 31, 2022
कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि भारत का पहला वर्चुअल स्कूल आज लॉन्च हुआ है। इस संबंध में ये सूचित किया जाता है कि NIOS द्वारा अगस्त 2021 में ही देश के पहले वर्चुअल स्कूल की शुरुआत कर दी गई थी। इसके बाद NIOS ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि
वर्तमान में केंद्र से मान्यता प्राप्त 7000 से ज्यादा स्कूल NIOS से जुड़े हुए हैं, जो समर्पण के साथ शैक्षणिक सहायता प्रदान कर रहे हैं। वहीं 1500 से ज्यादा स्टडी सेंटर्स NIOS वर्चुअल ओपन स्कूल के विद्यार्थियों को स्किल आधारित पेशेवर कोर्स करवा रहे हैं। NIOS से मान्यता प्राप्त ये अध्ययन केंद्र लाइव इन्टरैक्टिव क्लासेज करवाएंगे। ऐकडेमिक ईयर 2021 में हुए NIOS वर्चुअल ओपन स्कूल के सबसे पहले सेशन में Virtual Open School के तहत 2.18 लाख असाइनमेंट विद्यार्थियों द्वारा अपलोड किए गए थे।
अब NIOS के इस प्रेसनोट्स के बाद केजरीवाल के झूठ कि देश का पहला वर्चुअल क्लास दिल्ली सरकार शुरू कर रही है, का पर्दाफाश हो चुका है। केजरीवाल ने इसे क्रांतिकारी कदम बताते हुए अपने बयान में कहा था कि उनकी सरकार द्वारा लॉन्च किए गए वर्चुअल स्कूल का नाम दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल (DMVS) रखा गया है। ये दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से मान्यता प्राप्त होगा। सीएम केजरीवाल ने कहा,
हमें बाबा साहब का सपना पूरा करना है, देश के हर बच्चे तक अच्छी शिक्षा पहुँचानी है, दिल्ली के डिजिटल स्कूल में 9वीं क्लास के लिए एडमिशन शुरु हो गए हैं, इस वेबसाइट पर जाकर बच्चे एडमिशन ले सकते हैं- https://t.co/N3LtDCOBX3 https://t.co/RHyaca1bvB
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 31, 2022
“हम बार-बार कहते हैं कि हमें भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाना है. लेकिन ये तब तक नहीं हो सकता जब तक इस देश के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी। 75 साल खराब हो गए हैं। उस दिशा में आज जो मैं ऐलान करने जा रहा हूं, वो एक बहुत ही महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी कदम है। शिक्षा के क्षेत्र में ये एक नई क्रांति पैदा करने वाला है। आज हम देश का पहला वर्चुअल स्कूल चालू करने जा रहे हैं. एक साल पहले हमने ऐलान किया था कि देश का वर्चुअल स्कूल बनाएंगे। साथ ही बच्चों को JEE नीट की तैयारी करने में सुविधा होगी। और इसके साथ साथ भारत के बच्चे भी दुनिया में नाम रोशन करेंगे।