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नई दिल्ली, 16 जुलाई। दिल्ली में बारिश हुई और कुछ इलाकों में तो झूम-झूम कर बादल बरसे। मानसून से पहले ही केजरीवाल सरकार के मंत्री यहां तक कि खुद मनीष सिसोदिया भी सड़को पर कर्मचारियों और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निर्देश देते हुए देखें गए और सरकार का कहना था कि दिल्ली इस बार मानसून में पूरी तरह से तैयार है और जलजमाव हर बार की तरह इस बार सड़को पर चलती तेज रफ़्तार की गाड़ियों में ब्रेक नहीं लगाएगा लेकिन इस बात की पोल उस वक़्त खुली जब कई इलाको में कारें सड़कों पर रेंगती हुई नज़र आई।

दिल्ली के कई इलाकों में बारिश का जलजमाव हुआ है, वह बताता है कि केजरीवाल सरकार का कार्य सिर्फ कागजों तक सीमित होता है क्योंकि जब भी धरातल पर इसे परखने की बारी आती है, तो वहां केजरीवाल हमेशा फेल होते हुए दिखाई देते हैं। भाजपा भी इस पूरे मामले में केजरीवाल को घेरती रही है। भाजपा का आरोप है कि दिल्ली में पिछले आठ सालों से केजरीवाल की सरकार है और हर साल पानी का तांडव होता है। दिल्ली के कई इलाकों में हर साल पानी भरता है, लेकिन केजरीवाल और उनके मंत्री सिर्फ उसका मुआयना करते हैं लेकिन काम करने की बारी आती है तो हाथ खड़े कर लेते हैं।

अभी हाल ही में भाजपा ने जब पहली बारिश आई तो केजरीवाल सरकार को सभी काम दुरुस्त करने की बात कही लेकिन शायद उसका असर हुआ नहीं क्योंकि आज की बारिश से हुए जलजमाव इसका प्रमाण है। आज मयूर विहार फेज 3 हो, लक्ष्मीनगर मुख्य सड़क हो, गीता कॉलोनी हो या फिर दिल्ली की अन्य जगहें, हर जगह लोगों का सड़क पर निकलना मुश्किल हो गया क्योंकि जलजमाव इतना ज्यादा था कि लोग घर में ही रहना मुनासिब समझे। यही नहीं हाल में ही खोली गई नवनिर्मित प्रगति मैदान सुरंग, आईटीओ, रिंग रोड, बारापुला कॉरिडोर, सराय काले खान में जलजमाव होने से ट्रैफिक जाम लग गया और घंटों तक वाहनों को रेंगते हुए देखा गया। पानी भरने से यातायात पुलिस ने पुल प्रहलादपुर अंडरपास को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दी, जिसकी वजह से महरौली-बदरपुर मार्ग पर जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।