Fri, December 8, 2023

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पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी मामला: मुस्लिम देशों की एकजुटता-नाराजगी साधने में जुटी भारत सरकार, पाक मामले को दे रहा तूल

Gulf states slam India for ‘insulting the Prophet’
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साल 2014 में केंद्र की सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शानदार कूटनीति की बदौलत कई देशों के साथ भारत के रिश्ते मजबूत किए। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, इजराइल जर्मनी और फ्रांस समेत कई देशों से भारत ने दोस्ती की नई शुरुआत की। ‌इसके साथ प्रधानमंत्री मोदी ने अरब देशों के साथ भी मधुर संबंध स्थापित किए । हाल के वर्षों में कई मौकों पर पाकिस्तान के कश्मीर के अलाप पर सऊदी अरब, यूएई और कुवैत समेत कई देश भारत का आंतरिक मामला बताकर तटस्थ रहे। लेकिन एक विवादित टिप्पणी ने अरब देशों के साथ भारत के दोस्ताना संबंधों पर दरार आ गई है। मौकापरस्त पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर शासन कर रहा तालिबान भी इस मामले में कूद पड़ा है। वैसे भी पाकिस्तान तो ऐसे समय की हमेशा से ही मौके की तलाश में जुटा रहता है। बता दें कि भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा ने 31 मई को एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी की थी। पहले नूपुर की टिप्पणी पर उत्तर प्रदेश के कानपुर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दो समुदायों में हिंसा हुई । धीरे-धीरे यह विवादित टिप्पणी भाजपा के गले की फांस बन गई। विपक्षी पार्टियों ने नूपुर के बयान की निंदा की। इसके बाद यह मामला भारत से निकलकर कई मुस्लिम देशों में पहुंच गया। भाजपा के दो नेताओं की ओर से पैगंबर मोहम्‍मद पर की गईं टिप्‍पणियों ने मुस्लिम देशों को भारत के खिलाफ एकजुट कर दिया है।

After Qatar, Kuwait and Iran, Now Saudi Arabia gives a statement

सऊदी अरब, कुवैत, कतर, जॉर्डन, यूएई, मलेशिया, मालदीव ओमान, ईरान, पाकिस्‍तान, अफगानिस्‍तान-तालिबान उन देशों की लिस्‍ट लंबी हो गई जिन्‍होंने नाराजगी जाहिर की है। अरब देशों के एकजुट होने पर भारत सरकार के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। विरोध और नाराजगी के बीच केंद्र सरकार ने तमाम अरब देशों को स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी धार्मिक भावनाओं के खिलाफ टिप्पणियों की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। हालांकि सऊदी अरब और कुवैत ने भारत सरकार के भाजपा के दोनों नेताओं को निलंबित करने पर स्वागत भी किया है। पाकिस्तान को मिला मौका। सोमवार को पाकिस्‍तान ने भारतीय प्रतिनिधि को बुलाकर फटकार लगाई। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने शर्मा-जिंदल की टिप्‍पणियों को अस्‍वीकार्य करार दिया। पाकिस्‍तान ने कहा कि ऐसी टिप्‍पणियों से ‘दुनिया भर के मुस्लिमों की भावनाएं आहत हुई हैं। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी एक बयान में कहा था कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में भारत में धार्मिक स्‍वतंत्रताओं को कुचला जा रहा है और मुस्लिमों पर अत्‍याचार किए जा रहे हैं। अफगानिस्‍तान पर शासन कर रहा तालिबान ने कहा कि अफगानिस्‍तान कड़े शब्‍दों में पैगंबर के खिलाफ आपत्तिजनक शब्‍दों की निंदा की। तालिबान ने भारत सरकार से अपील की कि ऐसे ‘सिरफिरों’ को इस्‍लाम के अपमान की अनुमति न दें।

कई खाड़ी देशों में भारत के सामानों की बिक्री पर लगाई रोक:

भाजपा नेता के पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई टिप्पणी के बाद कई अरब देशों में भारत के प्रति नाराजगी और विरोध का सिलसिला जारी है। कतर, कुवैत और ईरान ने भारतीय राजदूतों को तलब कर विरोध जताया है। कतर-कुवैत ने भारत सरकार से इस बयान पर माफी की मांग की है। वहीं, सऊदी अरब ने भी इस बयान पर ऐतराज जताया । इसके अलावा सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अन्य अरब देशों ने अपने सुपर स्टोर्स में इंडियन प्रोडक्ट्स को बैन कर दिया है। कुवैत सरकार ने कहा है कि भारत में सत्ता में मौजूद पार्टी के नेताओं ने मुस्लिमों की भावनाओं को आहत किया है। इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। यूएई जॉर्डन और इंडोनेशिया ने भी नुपुर शर्मा और नवीन कुमार के बयानों पर आपत्ति जताई है।

इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने भारत की आलोचना करते हुए यूएएन से मुसलमानों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। इधर, भारत ने ओआईसी के बयान को ‘संकीर्ण’ बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, कुछ लोगों की अमर्यादित टिप्पणी भारत सरकार के विचारों को प्रदर्शित नहीं करती है। बता दें कि भारत और खाड़ी देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से रिश्ते काफी मजबूत रहे हैं। भारत अपनी जरूरत के ऑयल का एक बहुत बड़ा हिस्सा इन्हीं देशों से इम्पोर्ट करता है। इसके साथ देश में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा ने भी नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी पर विरोध जताया । मुस्लिमों देशों के विरोध जताने एवं मामले को तूल पकड़ने के बाद भाजपा ने नुपूर को पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया था। वहीं दिल्ली भाजपा मीडिया प्रभारी नवीन कुमार जिंदल को भी पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। फिलहाल भाजपा सरकार अरब देशों में विरोध और नाराजगी को बहुत ही कूटनीति तरीके से साधने में लगी हुई है।

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