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नई दिल्ली, 22 मई। राष्ट्रीय राजधानी के वसंत विहार इलाके में उस वक़्त काफी कोहराम मच गया जब एक ही परिवार की तीन सदस्यों ने आत्महत्या कर ली। शनिवार रात को हुए इस आत्महत्या के पीछे डिप्रेशन बताया जा रहा है। दरअसल अंजू नाम की महिला अपनी 30 वर्षीय दो बेटियों अंकु और अंशिका के साथ रह रही थी। पिता की मौत पिछले साल कोविड के कारण हो गई थी तब से पूरा परिवार डिप्रेशन में चला गया था।
निगम पार्षद और पड़ोसी मनीष अग्रवाल ने बताया कि वसंत अपार्टमेंट में ग्राउंड फ्लोर पर मृत परिवार के नाम दो फ्लैट थे। फ्लैट नंबर-207 में परिवार के तीनों सदस्य एक साथ रहते थे। जबकि दूसरा फ्लैट किराए पर दे रखा था, लेकिन कुछ महीने पहले खाली हो गया था। मृतक परिवार के मुखिया चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) थे। उनके गुजर जाने के बाद परिवार की हालत बिगड़ने लगी। घर में अंजू(मां) कई दिनों से बीमार से ग्रसित थी।
डीसीपी साउथ वेस्ट के अनुसार, शनिवार रात 8.55 बजे उन्हें एक कॉल प्राप्त हुआ जिसमें यह कहा गया कि वसंत विहार स्थित वसंत अपार्टमेंट में फ्लैट नम्बर 207 का दरवाजा और खिलाड़ी पूरी तरह बन्द है। डोर बेल बजाने या आवाज लगाने पर भी कोई अंदर से आवाज नहीं आ रहा है। सूचना मिलते ही जब पुलिस मौके पर पहुँची तो लोगों की भीड़ भी इकट्ठा हो गई। स्थानीय लोगों की मदद से जब पुलिसकर्मी दरवाजा खोलकर अंदर प्रवेश किये तो देखा पूरा कमरा धुंआ-धुंआ था। कमरे में तीन जगह अंगीठी जल रही थी और बेड पर तीन शव पड़े थे।
पुलिस को कमरे के अंदर दीवार पर एक सुसाइड नोट भी मिले हैं जिसमें लिखा गया था, ‘कमरे में घुसने के बाद किसी भी तरह का लाइटर या आग न जलाएं।’ मतलब ये कि कहीं कमरे में गैस की वजह से कोई हादसा ना हो जाए और किसी दूसरे को नुकसान न पहुंचे। यानी परिवार खुद तो जान दे रहा था, लेकिन उसे इस बात की भी चिंता रही होगी कि उनकी वजह से किसी दूसरे को हानि नहीं हो। पुलिस ने तीनों शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और अभी जांच रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा हो रही है।