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बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पेपर लीक, जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम गठित

BPSC की 67वीं परीक्षा आज आठ मई को निर्धारित थी और हुई, इसी बीच परीक्षा से चंद मिनटों पहले ही प्रश्न पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने की ख़बरें आने लगीं।
बता दें कि परीक्षा से पहले वायरल हो रहे प्रश्नपत्र और परीक्षा के दौरान मिले प्रश्नपत्र के सवाल मिल रहे थे। ऐसे में अभ्यर्थियों ने कई जगह हंगामा करना शुरू कर दिया। इस परीक्षा में पूरे देश से लगभग 6 लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं।
इस संदर्भ में बिहार लोक सेवा आयोग के सचिव जियुत सिंह ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में यह बात स्वीकार की है कि, “आयोग को पेपर लीक के संदर्भ में 11:54 पर पता चला कि CSAT का पेपर वायरल हुआ है। संपुष्टि पर वायरल पेपर और ओरिजनल को एक ही पाया।”
जियुत सिंह ने कहा है, “चूँकि परीक्षा 11:30 से शुरू होनी थी तो उन्हें ऐसा अंदाज़न लगता है किसी केंद्र से ऐसा हुआ होगा। ऐसे में इसकी जाँच हेतु आयोग के चेयरमैन ने तीन सदस्यीय कमिटी गठित की गई है। यह कमिटी को अगले 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी और उसी रिपोर्ट के आधार पर ही आगे का निर्णय लिया जाएगा।”
वहीं इस मामले में बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है कि बिहार लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर बिहार लोक पेपर लीक आयोग रख देना चाहिए।
बीपीएससी की परीक्षा में प्रतिभागी रहे बृजेश कुमार जायसवाल ने बातचीत में कहा कि जब उन्हें पता चला कि बीपीएससी जैसी परीक्षाओं में भी पैसे का लेनदेन हो रहा है, तो ऐसा सुनकर छात्रों का मनोबल टूटता है। उनका भी मनोबल टूट रहा है। उन्हें भी समझ में नहीं आ रहा कि यदि यह सच होता है तो वे कहां और किससे कहने जाएं?
वहीं, बीपीएससी की परीक्षा में इस बार प्रतिभागी छात्र प्रणव कुमार ने कहा, “जब पीसीएस जैसी परीक्षाओं का पेपर लीक हो जा रहा तो अब कहने को क्या बाक़ी है? यही सुशासन चल रहा है नीतीश कुमार का बिहार में कि एक परीक्षा सही से नहीं हो पा रही है।”