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दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने देश की कई बड़ी राजनीतिक हस्तियों को नोटिस भेजकर यह पूछा है कि क्यों न इस मामले में पक्षकार के रूप में उनपर मुकदमा चलाया जाए।
इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा, बीजेपी सांसद परवेश वर्मा को नोटिस भेजा है, और इन सभी से चार मार्च 2022 तक जवाब मांगा है।
क्या है मामला:
23 फरवरी 2020 को दिल्ली के उत्तर पूर्वी दिल्ली मे मुसलमानों और हिंदूओं के बीच दंगे हुए थे। इस दौरान मारे गए 53 लोगों में से दो-तिहाई मुसलमान थे जिन्हें गोली मार दी गई थी, बार-बार वार किए गए या आग लगा दी गई थी। मृतकों में एक पुलिसकर्मी, एक खुफिया अधिकारी और एक दर्जन से अधिक हिंदू भी शामिल हैं , जिन्हें गोली मार दी गई या हमला किया गया। इन दंगों में 581 लोग घायल हुए थे। 24 और 25 फरवरी को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगाइयों ने जमकर उत्पात मचाया था और इन दंगो के मामले में कुल 755 एफआईआर भी दर्ज किए गए थे। हाईकोर्ट में इस मामले में एक याचिका दायर हुई थी,जिसमें दंगे भड़काने में कथित भूमिका के लिए राजनेताओं सहित कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा था कि क्या वे वही लोग हैं, जिनके खिलाफ आरोप लगाए गए हैं, क्या वही लोगल इस मामले में पक्षकार हैं? क्या हम वास्तव में उनकी बात सुने बिना उन्हें गिरफ्तार करने की आपकी याचिका पर आगे बढ़ सकते हैं?