महान गायिका लता मंगेशकर जी नहीं रहीं, पूरे देश में शोक की लहर

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संगीत जगत के क्षेत्र में आज देश में सबसे बड़ी क्षति हुई। हिंदी सिनेमा और म्यूजिक जगत को स्तब्ध करने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसे आपको बताते हुए हमें दुख हो रहा है। सबकी चहेती और भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया है। 92 साल की उम्र में लता मंगेशकर ने अंतिम सांस ली है। लता मंगेशकर के निधन की खबर से मनोरंजन जगत में सन्नाटा पसर गया है। लता मंगेशकर लगभग एक महीने से बीमार चल रही थीं। 8 जनवरी को उन्हें कोरोना संक्रमित होने के बाद लता मंगेशकर को मुंबई के ब्रीच क्रैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लता को कोरोना के साथ निमोनिया भी हुआ था। लता दीदी की उम्र को देखते हुए डॉक्टर्स ने उन्हें आईसीयू में एडमिट किया था। तब से वह लगातार संघर्ष ही कर रही थीं। इलाज के दौरान बस 2 दिन के लिए उन्हें वेंटिलेटर से हटाया गया था। फिर जैसे ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी फिर से लता को वेंटिलेटर सपोर्ट पर लाया गया था।
अवॉर्ड्स:
लता मंगेशकर ने अपने पूरे जीवन में कई बेहतरीन अवार्ड अपने नाम किए थे। जिनमें सबसे पहला अवार्ड 1969 में पद्म भूषण था। इसके बाद लता दीदी को 1989 में दादासाहेब फालके अवॉर्ड, 1999 में पद्म विभूषण, 2001 में भारत रत्न और 2008 में भारत की आजादी के 60 वीं सालगिरह पर ‘वन टाइम अवॉर्ड फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट’ से सम्मानित किया गया था। लता मंगेशकर को 1972 में परिचय फिल्म के गाने के लिए, 1974 में फिल्म कोरा कागज के लिए,1990 में फिल्म लेकिन के लिए बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर अवार्ड मिला था।
स्वर कोकिला के सम्मान और अवार्डों की सूची यहां पर ही नहीं खत्म होतीं, उन्हें महाराष्ट्र स्टेट फिल्म अवॉर्ड, फिल्मफेयर अवार्ड, बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन अवार्ड, डॉक्टर ऑफ़ लेटर भी मिले थे। 1974 में लता मंगेशकर ने 30 हजार से भी अधिक गाने गाकर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था।
1996 में लता मंगेशकर को राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना बोर्ड और 1999 में राजीव गांधी अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
तस्वीरों की झलक में देखें स्वर कोकिला लता मंगेशकर की बचपन से लेकर अब तक की सुनहरी यादें
















