Wed, November 29, 2023

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Amar Jawan Jyoti to be merged with National War Memorial flame today

अब इंडिया गेट पर नहीं जलेगी 50 सालों से जलती आ रही अमर जवान ज्योति के मशाल की लौ, आज होगा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में लौ का विलय

Amar Jawan Jyoti to be merged with National War Memorial flame today
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इंडिया गेट पर पिछले 50 सालों से जल रही ‘अमर जवान ज्‍योति’ का अब राष्ट्रीय युद्ध स्मारक यानी नेशनल वाॅर मेमोरियल पर जल रही लौ में विलय होने जा रहा है। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, आज दोपहर अमर जवान ज्‍योति का एक हिस्‍सा नैशनल वॉर मेमोरियल ले जाया जाएगा। 3.30 बजे दोनों लौ का विलय समारोह होगा।
लगभग तीन साल पहले, 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नैशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया था। यहां 25,942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं।

आईये जानते हैं अमर जवान ज्‍योति : कब, कहां और क्‍यों जलाई गई?

अमर जवान ज्‍योति दिल्ली की सबसे मशहूर जगहों में से एक जगह इंडिया गेट पर स्थित है। इंडिया गेट को अंग्रेजों ने 1921 में बनवाया था, उन 84,000 सैनिकों की याद में जो पहले विश्‍व युद्ध और बाद में शहीद हुए।
3 दिसंबर से 16 दिसंबर, 1971 तक भारत और पाकिस्‍तान के बीच युद्ध चला। भारत की निर्णायक जीत हुई और बांग्‍लादेश अस्तित्‍व में आया। इस पूरे अभियान के दौरान, भारत के कई वीर जवानों ने प्राणों का बलिदान किया।
जब 1971 युद्ध खत्‍म हुआ तो 3,843 शहीदों की याद में एक अमर ज्‍योति जलाने का फैसला हुआ और तब जगह चुनी गई ‘इंडिया गेट’। तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 यानी भारत के 23वां गणतंत्र दिवस पर अमर जवान ज्‍योति का उद्घाटन किया।
अमर जवान ज्‍योति एक काले मार्बल का फलक है जिसके चारों तरफ स्‍वर्णाक्षरों में ‘अमर जवान’ लिखा हुआ। इसके ऊपर एक L1A1 सेल्‍फ लोडिंग राइफल रखी है और उसपर एक सैनिक का हेलमेट किसी मुकुट की तरह रखा गया है।
इस फलक के चारों तरफ कलश रखे हुए हैं, जिनमें से एक में ज्‍योति 1971 से जली आ रही है।

यहां शहीदों के नाम स्‍वर्णाक्षरों में अंकित हैं। 1971 में निर्माण के बाद से हर साल गणतंत्र दिवस परेड से पहले राष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और अन्‍य गणमान्‍य हस्तियां अमर जवान ज्‍योति पर माल्‍यार्पण करते हैं। हर साल उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है जिन्‍होंने भारत की रक्षा में अपनी जान की कुर्बानी दी हैं।

लेकिन फरवरी 2019 में राष्‍ट्रीय युद्ध स्‍मारक के उद्घाटन के बाद से, यह परंपरा वहां शिफ्ट हो गई। इसके बावजूद इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्‍योति पर भारी भीड़ जुटा करती थी। फिलहाल यह एरिया सेंट्रल विस्‍टा प्रॉजेक्‍ट के निर्माण की वजह से बंद है।

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