सियासी अटकलें शुरू: बिहार में जातीय जनगणना पर आरजेडी-जेडीयू के तालमेल पर भाजपा पशोपेश में

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पिछले कई महीनों से बिहार में जातीय जनगणना को लेकर राष्ट्रीय जनता दल और जेडीयू का तालमेल बना हुआ है। जबकि नीतीश सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी की अभी तक जातीय जनगणना को लेकर स्पष्ट राय सामने नहीं आई है। भाजपा के लगातार इस मामले में चुप्पी साधने को लेकर सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए जातीय जनगणना का मुद्दा राजनीति रूप से अहम है। ऐसे में वो इस मुद्दे को किसी भी हालत में आरजेडी को नहीं सौंप सकते। आरजेडी सूबे की सियासी लड़ाई और नीतीश कुमार की नब्ज को समझते हुए दांव चल दिया। आरजेडी ने साफ संदेश दिया है कि अगर जातीय जनगणना के मुद्दे पर बीजेपी उनके साथ नहीं है तो चिंता की बात नहीं हम आपके साथ है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को जातिगत जनगनणना के वादे पर आगे बढ़ना चाहिए और यदि कोई मंत्री (बीजेपी कोटे से) उनकी बात नहीं मानता है तो हटा देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार के सामने कोई संकट आता है तो आरजेडी साथ देने को तैयार है।

आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यह खुला संदेश है नीतीश कुमार को, जो अहम मुद्दे हैं बिहार के हित के, बिहार के 12 करोड़ जनता का वाजिब हक है, विशेष राज्य का दर्जा और जातिगत जनगणना, उस पर जो मुख्यमंत्री ने स्टैंड लिया है, उससे वह पीछे न हटें। यह संदेश तेजस्वी यादव ने दिया है। नीतीश कुमार सरकार को यह संदेश आरजेडी के किसी और नेता ने नहीं बल्कि पार्टी सुप्रीमो लालू यादव के बेटे व विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की तरफ से दिया गया है। इससे साफ जाहिर होता अगर नीतीश जातिगत जनगणना के लिए बीजेपी का साथ छोड़ दे तो भी सरकार पर कोई फर्क नही पड़ेगा, क्योंकि आरजेडी खुले तौर पर समर्थन देने का एलान कर रही है।