Wed, November 29, 2023

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President Ram Nath Kovind Gives Assent to Surrogacy Act, 2021

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सेरोगेसी कानून को दी मंजूरी, अब नहीं हो सकेगा दुरुपयोग

President Ram Nath Kovind Gives Assent to Surrogacy Act, 2021
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देश में अब सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम 2021 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति ने इसे शनिवार को मंजूरी दी और गजट प्रकाशन के साथ ही यह कानून लागू हो गया है। इस कानून में सरोगेसी को वैधानिक मान्यता देने और इसके व्यवसायीकरण को गैरकानूनी बनाने का प्रावधान है।

Surrogacy Act, 2021

इस कानून से सरोगेसी के पैसे कमाने और इसके दुरुपयोग पर अंकुश लगेगा। इसके जरिये केवल मातृत्व प्राप्त करने के लिए सरोगेसी की अनुमति मिलेगी, जिसमें सरोगेट मां को गर्भ की अवधि के दौरान चिकित्सा खर्च और बीमा कवरेज के अलावा कोई और वित्तीय मुआवजा नहीं मिलेगा।

बता दें की सरोगेसी का अर्थ किराये पर गर्भ होता है। इसका उपयोग लोग व्यावसायिक स्तर पर सरोगेसी का आर्थिक लाभ अथवा कोई अन्य लाभ के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता था। सरोगेसी की अनुमति तब दी जाती है जब संतान का इच्छुक जोड़ा चिकित्सा के आधार पर प्रमाणित बांझपन से प्रभावित हो। इस कानून के जरिये बच्चे पैदा करके उसे बेचने, वेश्यावृति कराने और किसी अन्य प्रकार के शोषण पर रोक लगेगी।

जानें क्या है सरोगसी:
सरोगेसी एक ऐसी विधि है, जिसमें कोई महिला संतान के इच्छुक किसी जोड़े के बच्चे को अपने गर्भ में पालती है और जन्म के बाद इस बच्चे को जोड़े को सौंप देती है। इससे पहले उस जोड़े के शुक्राणु और अंडाणु को प्रयोगशाला में निषेचित किया जाता है और जब यह एक भ्रूण के रूप में आ जाता है, तो इसे उस महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।
कानून के प्रावधान के मुताबिक 23 से 50 साल उम्र की महिलाएं सरोगेसी का रास्ता चुन सकती हैं। सरोगेट मां बनने के लिए महिला को विवाहित होना चाहिए।

वहीं सरोगेसी विधेयक 2019 को 17 दिसंबर को राज्यसभा से पारित करा लिया गया था। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही सदन ने इसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। लोकसभा में यह पहले ही पारित हो चुका था। लेकिन राज्यसभा में आने के बाद इसे प्रवर समिति को भेजा गया था जिसके बाद अब इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा मंजूरी मिल गई है।

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