
विश्व में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का संक्रमण धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है। भारत समेत कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट का मामला सामने आ चुका है। वहीं भारत ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को जल्द पता लगाने की नई उपलब्ध से उपलब्धि प्राप्त की है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) डिब्रूगढ़ ने एक टेस्टिंग किट तैयार की है जिससे ओमिक्रॉन का पता मात्र दो घंटे के भीतर पता चल जाएगा। अभी इसकी जांच के लिए जीनोम सीक्वेन्सिंग करानी पड़ती है जिसमें तीन से चार दिन का समय लगता है।
बता दें की डॉक्टर बिश्वज्योति बोरकाकोटी के नेतृत्व में आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने इस टेस्ट किट का विकास किया है। जिसके बाद इसे ओमिक्रॉन वैरिएंट के विशेष सिंथेटिक जीन फ्रेगमेंट पर आजमाया गया है और इसका नतीजा 100 प्रतिशत सटीक आया है। डॉक्टर बोरकाकोटी ने कहा कि किट का विकास इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अभी वैरिएंट का पता लगाने के लिए टार्गेटेड सीक्वेंसिंग में 36 घंटे और टोटल जीनोम सीक्वेंसिंग में 4 से 5 दिन लगते हैं। खास बात ये है कि मरीज के सामान्य स्वाब सैंपल से ही तत्काल इसकी पहचान हो जाती है।
इस किट का निर्माण निजी-सरकारी भागीदारी के तहत पूरी तरह भारत में ही किया जाएगा और इसके लिए आईसीएमआर ने कोलकाता की कंपनी जीसीसी बायोटेक को जिम्मा दिया गया है।
मालूम हो कि भारत में अब तक ओमिक्रॉन के कुल मरीजों की संख्या 33 है और कई संदिग्ध मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।