कृषि आंदोलन के 1 साल होने पर शीतकालीन सत्र कर दौरान रोजाना 500 किसान भवन करेंगे संसद भवन पर मार्च

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगभग 1 साल से जारी है। इस बीच कल मंगलवार को सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक हुई, जिसमें इस बैठक में 26 नवंबर को दिल्ली कूच और आंदोलन की नई रणनीति को लेकर अहम फैसले किए गए हैं। किसान संगठन के इस बैठक में फैसला किया गया कि 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान रोजाना 500 किसान ट्रैक्टर लेकर संसद भवन की तरफ मार्च करेंगे। वहीं, आंदोलन की पहली बरसी यानी 25 नवंबर की पूर्व संध्या तक पंजाब और हरियाणा के और किसान दिल्ली की सीमाओं की ओर बढ़ेंगे।
इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम चीन में नहीं रहते कि दिल्ली जाने के लिए हमें परमिशन लेनी पड़ेगी। गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सड़कें खोल दी गई हैं। 26 नवंबर को सभी राज्यों की राजधानियों में किसान प्रदर्शन करेंगे और 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान रोजाना 500 किसान ट्रैक्टर लेकर संसद भवन की तरफ मार्च करेंगे।