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Diwali 2021:Puja Date, Shubh Muhurat, Puja Vidhi and Significance

Diwali 2021:Puja Date, Shubh Muhurat, Puja Vidhi and Significance

देश में दिपावली आज, जाने पूजन की विधि

आज देशभर में दीपोत्सव का पर्व दीपावली मनाई जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली का त्योहार प्रत्येक साल हिंदी महीना कार्तिक कृष्ण पक्ष का अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार बहुत ही महत्व रखता है। दिवाली का पर्व अंधकार पर प्रकाश के विजय का प्रतीक है। दीपावली पांच दिनों का पर्व होता है जिसमें धनतेरस से भाई दूज तक यह त्योहार मनाया जाता है। दिवाली की शाम लक्ष्मी-गणेश, कुबेर और माता सरस्वती की विशेष पूजा आराधना करने का विधान है।
आइए जानते हैं दिवाली पर शुभ-मुहूर्त में किस तरह किया जाता है लक्ष्मी पूजन…

कब करें दिवाली पर लक्ष्मी पूजन:

दिवाली पर प्रकाश और लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में किया जाना सबसे शुभ माना जाता है। प्रदोष काल का मतलब सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त से होता है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन करना सर्वोत्तम माना गया है।
मान्यताओं के अनुसार स्थिर लग्न में की गई पूजा-आराधना में माता लक्ष्मी वहां पर अवश्य अपने कुछ अंश के रूप में निवास करने लगती हैं। इसके अलावा महानिशीथ काल में भी लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है। इसमें मां काली की पूजा करने का विधान होता है। इस काल में ज्यादातर लोग लक्ष्मी पूजा वे करते हैं जो तांत्रिक या साधक होते हैं।

दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त:

04 नवंबर 2021, गुरुवार को लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ समय- शाम 06 बजकर 10 मिनट से लेकर 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा।
दिवाली 2021 में लक्ष्मी पूजन की अवधि- 1 घंटा 55 मिनट
प्रदोष काल – शाम 05 बजकर 34 मिनट से रात 08 बजकर 10 मिनट तक
वृषभ काल – शाम 06 बजकर 10 मिनट से रात 08 बजकर 06 मिनट तक 

दिवाली लक्ष्मी पूजा का महानिशीथ काल मुहूर्त:
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त  – रात 11 बजकर 38 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक
अवधि – 52 मिनट तक

कैसे करें पूजन:
माता लक्ष्मी का फोटो लगाकर संध्या के समय एक चौकी रखें। इसे मोली से बांधे। इस पर मिट्टी के गणेश जी व मां लक्ष्मी स्थापित करें। रोली लगाए, चौमुखी दीपक बनाएं, 26 छोटे दीपक बनाएं और इसमें तेल और बत्ती डालकर जलाएं। फिर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, अबीर, गुलाल, धूप, कमल पुष्प कमल गट्टे आदि से लक्ष्मी गणेश का पूजन करें।

पूजा करने के बाद 11 दीपक घर के कोने-कोने में जलाकर रखें। एक छोटा और एक चौमुखा दीपक रख कर लक्ष्मी का पूजन करें। पूजन के पश्चात तिजोरी में गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति रखकर विधि विधान से पूजा करें। श्रीसूक्त व कनक धारा स्तोत्र का पाठ करें।

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