
वर्ष 2020 के नवंबर से महाराष्ट्र के लातूर जिला परिषद की महासभा ने वृद्ध माता-पिता के देखरेख और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाया था, जिसके अंतर्गत अपने वृद्ध माता-पिता की देखभाल नहीं करने वाले सरकारी कर्मचारियों की वेतन से 30% की कटौती की जाने का आदेश पारित किया गया था।
इसकी शुरुआत सरकार ने लातूर जिला परिषद ने अपने वृद्ध माता-पिता की देखभाल नहीं करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ बड़ा फैसला लेते हुए कड़ा रुख अख्तियार कर दिया है।
बता दें की परिषद के अध्यक्ष राहुल बोंद्रे ने शनिवार को जानकारी दी कि 12 कर्मियों के खिलाफ माता-पिता की उपेक्षा करने की शिकायत मिली थी और उनमें से छह कर्मी अध्यापक थें। इन सब के मासिक वेतन में से 30℅ की कटौती की गई है और उस राशि को इन कर्मियों के माता-पिता के बैंक खातों में भेज दी गई है।