कोरोना से जंग जीतने के बाद मशहूर शायर गुलज़ार देहलवी का निधन।
93 साल के गुलज़ार देहलवी हाल ही में अस्पताल से लौटे थे लेकिन कोरोना संक्रमण के बाद वह काफ़ी कमज़ोर हो गए थे।
आज।शाम कार्डिक अटैक आने से इनका निधन हो गया,जिसकी जानकारी बेटे अनूप जुत्शी ने दी।
गुलज़ार देहलवी का जन्म 7 जुलाई 1926 को दिल्ली में हुआ था और उनका असली नाम आनंद मोहन जुत्शी था। उन्होंने अपना पूरा जीवन उर्दू को ही समर्पित कर दिया। उनकी शायरी में हमेशा गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक मिलती है। इन्हें राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत शायर के रूप में भी जाना जाता है। उनकी ज़बान उर्दू है और उसी भाषा में गुलज़ार साहब की लेखनी ने लोगों के दिलों को छुआ।
गुलज़ार साहब ने दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. और एल.एल.बी. की पढ़ाई पूरी की। उर्दू शायरी और साहित्य में उनके योगदानों को देखते हुए उन्हें ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से नवाजा गया। 2009 में उन्हें ‘मीर तकी मीर’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।