वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसान संगठन और खेती से जुड़े कामों के लिए दिए 1 लाख करोड़ ।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लगातार तीसरे दिन केंद्र सरकार की ओर से घोषित किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के उपयोग को लेकर दी जानकारी है जिसमें उन्होंने किसान संगठन और खेती से जुड़े कामों के लिए 1लाख करोड़ की घोषणा।
इस पैकेज में किसानों, कृषि क्षेत्र, डेयरी क्षेत्र, मत्स्य पालन, पशुपालन समेत इससे जुड़े सेक्टर्स के लिए सौगात दी गई है ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पशुपालन क्षेत्र के लिए 15000 करोड़ रुपये और मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए 20000 करोड़ रुपये का ऐलान किया है।
एशेंशियल कमोडिटीज यानी EC एक्ट 1955 में संशोधन किया जाएगा।
एग्रीकल्चर मार्केटिंग रिफॉर्म्स में सुधार का ऐलान किया गया है।
किसानों के लिए सुविधाजनक कानूनी ढांचा बनाने के लिए अहम कदम उठाए गए हैं,ताकि किसानों की आमदनी बढ़ सके।
मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों के लिए 500 करोड़ रुपए का पैकेज दिया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में जो लोग मधुमक्खी पालन करते हैं उन्हें इससे काफी लाभ मिलेगा इसके साथ 2 लाख मधुमक्खी पालन करने वाले लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी।
हर्बल कल्टीवेशन के लिए 4000 करोड़ रुपए का फंड दिया जा रहा है। 25 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती होगी।जिससे किसानों को 5000 करोड़ रुपए की आमदनी होगी।
पशुपालन में बुनियादी ढांचा सुधारने के लिए विकास फंड बनाने का फैसला किया गया है जिसमें देश के कई इलाकों में दूध का उत्पादन ज्यादा होता है वहां प्राइवेट निवेश का भी विकल्प है।इस ढांचे के विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपए का फंड दिया जा रहा है।
भारत में सबसे ज्यादा पशु और पशुपालक हैं, 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण करने की योजना लाई गई है।इस पर 13,343 करोड़ रुपए खर्च होगा।पशुओं को उनकी कई बीमारियों से मुक्ती मिलेगी।इससे हमारे फूड प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ेगी और दूध का भी उत्पादन बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री मतस्य संपदा योजना के लिए 20,000 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। इसमें कमियों को दूर किया गया है।11,000 करोड़ रुपये समुद्री और अंतरदेशीय मत्सयपालन, 9000 करोड़ रुपये कोल्ड चेन के लिए दिया जाएगा। इससे मछली उत्पादन 70. लाख टन अगले 5 साल में होगा और 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
फूड प्रोसेसिंग के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का ऐलान- सूक्ष्य, खाद्य संस्करण इकाइयों के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना है. करीब 2 लाख सूक्ष्य इकाइयों को इसका लाभ मिलेगा. ये योजना कलस्टर आधारित होगी। इसमें स्थानीय कंपनियों को सपोर्ट किया जाएगा। जैसे बिहार का मखाना, यूपी के आम, जम्मू-कश्मीर के केसर जैसे खेती में कलस्टर बनाया जाएगा।
आमदनी बढ़ाने के लिए मिलेगा एक लाख करोड़ रुपये – किसान निर्यात में मदद करते हैं लेकिन भंडारण की कमी और संवर्द्धन के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का फंड दिया जाएगा. इससे कीमत बढ़ाने में भी मदद मिलेगी और किसानों की आय बढ़ेगी.
आपकों बता दें कि इस से पहले वित्त मंत्री ने 2 प्रेस कांफ्रेंस और की थीं जिसमें पहले दिन केंद्र सरकार ने प्रमुख तौर पर मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के लिए ऐलान किया था। इसके लिए केंद्र सरकार ने डिस्कॉम्स और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लिक्विडिटी का ऐलान किया था।
वहीं दूसरे दिन के ऐलान में सरकार ने प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में दो महीने के अनाज से लेकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए भी कई बड़े ऐलान किए गए। इसमें वन नेशन वन राशन कार्ड से लेकर किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए रियायती दर पर ब्याज लोन मुहैया कराने का ऐलान शामिल था।