Mon, May 13, 2024

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Uttarakhand Engulfed by Rampant Forest Fires: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग हुई बेकाबू, प्रदेश के 11 जिले प्रभावित, वनसंपदा को भारी नुकसान

Uttarakhand Battling Severe Forest Fires
Uttarakhand Battling Severe Forest Fires

देवभूमि उत्तराखंड के जंगल चार दिनों से आग में जल रहे हैं। आग को बुझाने के लिए उत्तराखंड सरकार पूरे प्रयास कर रही है लेकिन अभी तक काबू नहीं पाया जा सका है। शनिवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घटनास्थल पर हेलीकॉप्टर से सर्वे किया।

इसके साथ मुख्यमंत्री ने आपातकालीन बैठक बुलाकर अधिकारियों को जल्द ही आग पर नियंत्रण पाने के दिशा निर्देश जारी किए ।उत्तराखंड के भीमताल से सटे जंगलों में 4 दिन से लगी आग बेकाबू हो चुकी है। ये आग गढ़वाल और कुमाऊ मंडल के 11 जिलों के 1780 एकड़ जंगलों तक फैल चुकी है। इन घटनाओं में करीब 34 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंचा है। वन विभाग, फायर ब्रिगेड और पुलिस के साथ सेना के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हैं। गढ़वाल मंडल में पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, देहरादून। वहीं कुमाऊ मंडल में नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

उत्तराखंड में 15 फरवरी से 15 जून यानी 4 महीने फायर सीजन होता है। यानी फरवरी के मध्य से जंगलों में आग लगने की घटनाएं शुरू हो जाती हैं, जो अप्रैल में तेजी से बढ़ती हैं। कम नमी की वजह से पेरूल के पत्तों में ज्यादा आग लगती है। पहाड़ों से पत्थर गिरने की वजह से भी आग की घटनाएं होती हैं। स्थानीय लोग भी जंगलों में हरी घास उगाने के लिए आग लगा देते हैं। वहीं, प्रदेश में नवंबर-2023 से 575 वनाग्निन की घटनाएं हुआ हैं, इसमें करीब 690 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंच चुका है।इस वर्ष बारिश व बर्फबारी न होने से गर्मी अधिक होने लगी है। बढ़ते तापमान के बीच नैनीताल व आसपास के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है। खड़ी पहाड़ियों में आग लगने के चलते वन विभाग व दमकल विभाग की टीम भी कई स्थानों पर आग पर काबू नहीं पा सकी है। जिसके चलते जंगल जलकर राख हो चुके हैं। अब आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है।

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