आज पूरी दुनिया के लिए बहुत ही खास दिन है। संसार पृथ्वी पर ही टिका हुआ है। हमारी पृथ्वी सिर्फ इंसानों की नहीं बल्कि कई अन्य जीव जंतुओं का भी घर है। 22 अप्रैल को हर साल विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। यह दिन-ब-दिन बढ़ते प्रदूषण ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के बारे में चर्चा करने का दिन है। अपनी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए धरती मां की सेहत का ख्याल रखना काफी जरूरी है। लेकिन मौजूदा समय में पृथ्वी को हरा भरा बनाने के लिए किसी के पास समय नहीं है। जिसकी वजह से पृथ्वी पर प्रदूषण तेजी के साथ बढ़ रहा है। आजकल ज्यादातर घरों में प्लास्टिक से बनी चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्टोरेज के लिए बॉक्स हों या फिर पानी को बोलत, टिफिन हों या फिर चॉपर बोर्ड हर चीज प्लास्टिक से बनी है। सब्जी खरीदने जाएं तो प्लास्टिक की पॉलिथीन और प्लास्टिक के बैग मिलते हैं। ये सबसे ज्यादा पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पृथ्वी को साफ और सुरक्षित रखने के लिए हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इस बार की थीम प्लानेट बनाम प्लास्टिक है। ऐसे में हमें अपने घर से सहसे पहले प्लास्टिक की चीजों को निकाल फेंकना चाहिए। इन चीजों से धरती ही नहीं बल्कि हमारी सेहत को भी नुकसान हो रहा है। पृथ्वी दिवस मनाने का उद्देश्य पर्यावरण के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करना है. इस दिन दुनिया भर में तरह-तरह के प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं। पृथ्वी प्राकृतिक सौन्दर्य से एक खूबसूरत ग्रह है। यहां हरे-भरे जंगल, लुभावने झरने, ऊबड़-खाबड़ लेकिन शांत पहाड़ के साथ रेत भी हैं। हमें इनको बचाने के लिए हर दिन प्रयास करना चाहिए। इस दिन को खास दिखाने के लिए गूगल ने एक डूडल बनाया है।
22 अप्रैल साल 1970 में पहला पृथ्वी दिवस मनाया गया था—
54 सालों से पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है। सबसे पहले 1969 में युनेस्को सम्मेलन में शांति कार्यकर्ता जॉन मैककोनेल ने विश्व पृथ्वी दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। इस दिन को मनाने का सबसे अहम उद्देश्य था पृथ्वी को सम्मान देना। सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने 22 अप्रैल 1970 को पहला पृथ्वी दिवस मनाया था। डेनिस हेस ने 1990 में विश्व स्तर पर इस दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा। साल 2016 में, पृथ्वी दिवस को जलवायु संरक्षण के लिए समर्पित कर दिया गया. वर्तमान में, पृथ्वी दिवस नेटवर्क 190 देशों में 20,000 साझेदारों और संगठनों में फैला हुआ है। हर खास दिन को मनाने के लिए एक खास थीम तय की जाती है। इस साल की थीम‘प्लेनेट वर्सेज प्लास्टिक’ था। प्लेनेट वर्सेस का मकसद लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर जागरूक करना है। ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं- आज के समय में बढ़ती आबादी के कारण हर दिन पेड़ों की कटाई हो रही है। इसके साथ ही हर दिन ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ते जा रही है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं और लोगों को इसके बारे में जागरूक करें। दिन के समय ज्यादा से ज्यादा लाइट बंद कर रखें। अगर आपके कमरे या ऑफिस में सूरज की रोशनी आती है तो आप उसका इस्तेमाल करें. जरूरत न होने पर लाइट और इलेक्ट्रॉनिक्स ऑफ कर दें। कई लोगों को बहुत ज्यादा पानी इस्तेमाल करने की आदत होती है। लेकिन आपको ये समझ लेना चाहिए कि हमारी धरती पर एक पर्याप्त मात्रा में पानी मौजूद है। इसका हम सही से उपयोग नहीं करेंगे तो आने वाले समय में काफी परेशानी हो सकती है। जब उपयोग न हो तो नल बंद कर रखें. स्नान करते समय बेवजह पानी ने बर्बाद करें। घर में कहीं लीक हो तो इसे ठीक करा लें। आज के समय में हर दिन लाखों लोग पानी की बोतल खरीदते हैं। दुनिया भर में हर मिनट लगभग 1 मिलियन लोग प्लास्टिक पीने की बोतल खरीदते हैं। इससे बचने का सबसे बड़ा उपाय है कि घर से निकलने से पहले अपने साथ पानी की बोतल लेकर निकले। आज के समय में ज्यादातर घरों में आपको गाड़ी दिख जाएंगे। लोग कम दूरी के लिए भी कर, बाइक का इस्तेमाल करते हैं। जितना हो सके पैदल चलें। आज के समय में आपको कई घरों के छत और बालकनी में फल और सब्जियां दिख जाएंगी। घर पर खाद बनाने का प्रयास करें।
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